जयपुर
राजस्थान में कोरोना वायरस के कप्पा स्वरूप से संक्रमित 11 मरीज मिले हैं। राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कप्पा स्परूप से संक्रमित 11 मरीजों में से 4-4 अलवर और जयपुर, दो बाड़मेर से और एक भीलवाड़ा से हैं। उन्होंने बताया कि जीनोम अनुक्रमण के बाद इन मामलों की पुष्टि हुई है। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हालांकि कप्पा स्वरूप, डेल्टा स्वरूप के मुकाबले कम घातक है। राजस्थान में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 28 नये मामले आये। राज्य में 613 उपचाराधीन मरीज हैं।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में कप्पा वेरिएंट के दो मामले मिले थे। राजस्थान की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में दिखाया गया है कि यहां मंगलवार को 24 घंटों में कोरोना के 28 नए मामले सामने आए हैॆ। जबकि महामारी के कारण राज्य में कोई नई मौत नहीं हुई। इसी के साथ, कोरोनावायरस संक्रमण मामलों की संख्या बढ़कर 953,187 हो गई है, आंकड़े में 8,945 मौतें और 613 सक्रिय मामले शामिल हैं।
कोविड उचित व्यवहार का पालन करने की अपील
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हालांकि कप्पा स्वरूप, डेल्टा स्वरूप के मुकाबले कम घातक है। स्वास्थ्य मंत्री लोगों से पूरी तरह से कोविड उचित व्यवहार का पालन करने के लिए कहा है। राजस्थान में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 33 नए मामले आए। इसके साथ ही राज्य में संक्रमण की संख्या बढ़कर 9,53,159 हो गई। अब तक इस महामारी से 8,945 लोगों की मौत हुई है। जबकि राज्य में 613 मरीज उपचाराधीन हैं।
डेल्टा वैरिएंट की तरह घातक नहीं है कप्पा
देश में इन दिनों कोरोना के कप्पा वैरिएंट की चर्चा ने जोर पकड़ी है। गत शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ने कहा कि उसके यहां कप्पा वैरिएंट के दो मामले मिले हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कप्पा वैरिएंट नया नहीं है। यह पहले से मौजूद था लेकिन यह डेल्टा वैरिएंट की तरह घातक नहीं है।
'वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट' है कप्पा वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कप्पा वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट' जबकि डेल्टा वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है। देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार माना गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कप्पा वैरिएंट की अन्य राज्यों में मौजूदगी पाई गई है लेकिन यह डेल्टा वैरिएंट की तरह ज्यादा संक्रामक नहीं है।