रायपुर
राजेश्री महन्त जी ने कहा कि भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो लोगों के दरवाजे तक जाकर उन्हें अपना दर्शन देते हैं | राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती टूरी हटरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा का पावन पर्व बड़े ही श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग सुबह 9:30 बजे श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचे, यहां पहुंच कर उन्होंने सबसे पहले भगवान श्री जगन्नाथ जी का दर्शन पूजन किया तत्पश्चात वे मंदिर प्रांगण में हवन पूजन के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए, आचार्य कृष्ण बल्लभ शर्मा ने यह कार्य संपन्न कराया। भगवान की आरती की गई, ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे के स्तुति गान के साथ आरती संपन्न हुआ।
इस अवसर पर अपने संदेश में राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि श्री जगन्नाथ स्वामी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों को उनके दरवाजे तक पहुंचकर अपना दर्शन देते हैं बांकी देवी देवताओं के दर्शन के लिए उनके मंदिरों तक जाना पड़ता है। दोपहर 1:00 बजे एजाज ढेबर भगवान के दर्शन के लिए उपस्थित हुए राजेश्री महन्त महाराज ने उन्हें साल एवं माला पहनाकर सम्मानित किया उन्होंने राजेश्री महन्त जी से आशीर्वाद प्राप्त की।
अपरान्ह 3:00 बजे भगवान जगन्नाथ जी को रथ पर आरुढ़ करके सांकेतिक रथ यात्रा कराया गया, कोरोना महामारी के संक्रमण काल में भी दर्शनार्थियों की संख्या काफी अधिक थी किंतु सभी लोगों ने कोविड-19 के नियमों का पालन किया, हाथ सैनिटाइज एवं मुह में माक्स धारण करके ही लोगों ने भगवान का दर्शन प्राप्त किया। पुलिस प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उन्होंने भीड़ एकत्रित होने ही नहीं दिया, लोग जैसे ही दर्शन करते गए उन्हें आदर सहि समझा कर अपने-अपने घर प्रस्थान करने का निवेदन किया गया जिसे सभी लोगों ने माना, भगवान जगन्नाथ जी की सांकेतिक रथ यात्रा निकाली गई जिसमें भक्त गणों ने दर्शन लाभ प्राप्त किया।
इस अवसर पर विशेष रूप से महापौर रायपुर के अतिरिक्त यहां के पार्षद एवं एमआईसी के सदस्य गण तथा श्री दूधाधारी मठ ट्रस्ट, जैतू साव मठ ट्रस्ट, श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्यगण सहित अनेक गणमान्य भक्तजन व दूधाधारी मठ के मुख्तियार रामछवि दास जी, पुजारी रामप्रिय दास जी, श्री जगन्नाथ मंदिर के पुजारी तिलक दास जी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।