लखनऊ में स्मारकों के 5200 कर्मचारियों के पास नहीं है काम 

 लखनऊ 
राजधानी के नए स्मारकों में तैनात करीब 5200 कर्मचारियों के पास काम नहीं है। यह ज्यादातर समय खाली बैठे रहते हैं। क्योंकि इनके पास काम करने के लिए जरूरी उपकरण ही नहीं है। मेंटेनेंस भी इसलिए नहीं करा पा रहे हैं क्योंकि फाइलें ही नहीं स्वीकृत होती। एलडीए उपाध्यक्ष व सचिव को निरीक्षण में शुक्रवार को इसीलिए स्मारक बदहाल मिले थे। जिसके लिए उन्होंने स्मारकों के कुछ कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में शहर में कई स्मारकों व पार्कों का निर्माण हुआ था। इनके देखभाल के लिए उस समय करीब 5700 कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। लेकिन इसमें से कुछ कर्मचारियों तथा अधिकारियों को दूसरी जगह नौकरी मिल गई। लगभग 5200 कर्मचारी अधिकारी अभी भी इनमें तैनात हैं। इतनी संख्या में होने बावजूद स्मारकों की साफ सफाई तथा मेंटेनेंस एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश तथा सचिव पवन कुमार गंगवार को बेहद खराब मिली थी। हिंदुस्तान ने पड़ताल किया तो पता चला की जो कर्मचारी अधिकारी काम भी करना चाहते हैं वह भी नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि उन्हें जरूरी सामान ही नहीं मिल पा रहा है। झाड़ू, पोछा, फ़ावड़ा, तलवार, सिंचाई के लिए पानी मशीनें,  गैती, बेलचा आदि नहीं मिलता है। जिसकी वजह से वह बैठे रहते हैं। बहुत हो हल्ला मचने पर थोड़ा बहुत सामान जेम पोर्टल से खरीद कर दे दिया जाता है।