मॉस्को
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस के दौरे पर हैं। शुक्रवार को यहां अपने संबोधन में उन्होंने अफगानिस्तान से नाटो सेना के लौटने के बाद ही स्थिति को लेकर फिक्र जाहिर किया है। जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान की ओर हमारा खासतौर से ध्यान हैं, यहां जो होगा उसका आसपास के देशों पर भी असर होगा। जरूरी है कि अफगानिस्तान में शांति रहे और यहां तरक्की हो। उन्होंने कहा अफगानिस्तान में के लिए भारत और रूस का मिलकर एक साथ काम करना बहुत जरूरी है।
रूस में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, हम एक स्वतंत्र, संप्रभु और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्ध हैं। निश्चित रूप से हम अफगानिस्तान में हालिया घटनाओं को लेकर चिंतित हैं। अफगानिस्तान में हिंसा से कोई समाधान नहीं हो सकता। हमारा मानना है कि जो भी अफगानिस्तान में सरकार बनाता हैं, वहां शासन करता है। वो वैध होनी चाहिए, ये गलत तरीकों से ना बने।
जयशंकर ने आगे कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति ने हमारा बहुत ध्यान खींचा क्योंकि इसका क्षेत्रीय सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। हमें अफगानिस्तान के भीतर और आसपास शांति स्थापित करनी है तो इसके लिए भारत और रूस के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। वहां आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत प्रगति बनी रहे, ये जरूरी है। बता दें कि अफगानिस्तान से नाटो सेनाओं की वापसी के साथ ही हिंसा की वारदातें बढ़ी हैं और तालिबान ने सिर उठाया है।
चीन को लेकर भी बोले जयशंकर
एस. जयशंकर ने चीन से संबंधों पर कहा कि पिछले एक साल से भारत-चीन संबंधों को लेकर चिंता काफी बढ़ी है क्योंकि बीजिंग ने सीमा मुद्दे पर समझौतों पर ध्यान नहीं दिया है। इससे द्विपक्षीय संबंधों की नींव हिली है। मॉस्को में प्रिमाकोव इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड इकोनॉमी एंड इंटरनेशनल रिलेशंस में एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये कहा।