भोपाल
मप्र हाईकोर्ट के निर्देश के परिपालन में नर्सिंग कर्मचारियों की 30 जून से चल रही हड़ताल खत्म हो गई है। प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन और स्टेट नर्सेस एसोसिएशन के बैनर तले उच्च स्तरीय वेतनमान, पदनाम बदलने समेत अन्य मांगों को लेकर स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबद्ध नर्सिंग कर्मचारी आंदोलन कर रहे थे।
प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष मंजू मेश्राम ने बताया कि बुधवार शाम को हमने अपना आंदोलन खत्म कर दिया गया है। रात आठ बजे की शिफ्ट से सभी नर्सिंग कर्मचारी काम पर लौट गए हैं। इसके पूर्व मप्र उच्च न्यायालय ने नर्सों की हड़ताल को बुधवार को हुई सुनवाई में अवैध घोषित कर दिया था और कहा था कि वे आठ जुलाई से काम पर लौटें।
गौरतलब है कि नर्सिंग कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से बुधवार को भी राजधानी के हमीदिया अस्पताल में वार्ड में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई मरीजों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि उनकी चादर तीन-चार दिन से नहीं बदली गई। यह जिम्मेदारी नर्सिंग कर्मचारियों की होती है। सीनियर नर्सों के भी हड़ताल में शामिल होने की वजह से मरीजों को समय पर दवाएं भी नहीं मिल पा रही थीं। इसकी वजह यह कि स्टोर से दवाएं लाना और मरीजों को उपलब्ध कराना नर्सिंग कर्मचारियों की जिम्मेदारी होती है। इनके हड़ताल में शामिल होने की वजह से मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ीं। इसके अलावा सामान्य ऑपरेशन टालना पड़ा। सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन ही हो पाए। इसकी वजह यह कि हर विभाग की सर्जरी में विशेषज्ञ नर्सों की जरूरत होती है।