महिला का हवाला देकर लिया बीयू से सिक्यरिटी का टेंडर, जांच में खुलेंगे भेद

भोपाल

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की संध्या सिक्युरिटी फोर्स में काफी फर्जीवाड़ा है। इसे लेकर जांच बैठा दी गई है। हालांकि बीयू ने टेंडर की मियाद खत्म होने के बाद उसे एक साल एक्सटेंशन दे दिया है। जांच में कोई फर्जीवाडा उजागर होता है, तो संध्या सिक्युरिटी को बीयू से विदा कर दिया जाएगा। बीयू ने जांच का दायित्व कामर्स की डीन एसके खटीक को दिया है।

बीयू को हर माह लाखों रुपए की चपत लग रही है। संध्या सिक्युरिटी फोर्स हर महीने बीयू से 12 लाख रुपए का भुगतान ले रही है। इसमें बोनस, रिलिविंग चार्ज, पीएफ और ईएसआई तक शामिल हैं। इसमें करीब 84 सुरक्षाकर्मी सहित तीन सुपरवाईजर तैनात किए हैं। संध्या सिक्युरिटी फोर्स को कार्यपरिषद के सदस्य किशन सूर्यवंशी के कहने पर रखा गया था। ईसी और टेंडर समिति के सामने पक्ष रखा कि संध्या सिक्युरिटी फोर्स की संचालिका एक महिला है। जबकि एजेंसी में कोई महिला ही मौजूद नहीं हैं। वहीं सिक्युरिटी एजेंसी ने टेंडर लेने के लिए कई फर्जी दस्तावेज लगाये हैं। इसकी जांच कराने रजिस्ट्रार हरिहर शरण त्रिपाठी ने जांच कमेटी गठित कर दी है। जांच कामर्स विभाग के डीन एसके खटीक कर रहे हैं। जांच में एजेंसी को दोषी पाया जाता है, तो बीयू उसके एक साल के बढे हुये एक्सटेंशन को रद्द कर दोबारा से टेंडर निकालेगा। इसके साथ एजेंसी संचालक से वसूली तक की जाएगी।

65 हजार का जुर्माना नहीं किया जमा
संख्या सिक्युरिटी होने के बाद बीयू परिसर से चंदन के पेड़ों की चोरी लगातार होती रही है। यहां तक सुपरवाईजन बीडी चौरसिया चंदन की चोरी करते रंगे हाथों पकडे गए। गत वर्ष तत्कालीन सुरक्षा अधिकारी भरत केसवानी ने साधना सिक्यूरिटी एजेंसी पर 25 हजार और 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। नोटिस देने पर कुलपति आरजे राव ने उन्हें सुरक्षा के प्रभार से मुक्त कर दिया, लेकिन एजेंसी अभी तक बीयू में 65 हजार की जुर्माने जमा नहीं कर सकी है। ऐसा बताया गया है ईसी सदस्य सूर्यवंशी के इशारे पर फाइल को गायब कर दिया गया है।