नई दिल्ली
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दो साल के बाद अब पहली बार कैबिनेट विस्तार करने जा रही है। सूत्र के मुताबिक 8 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है। इसी हफ्ते होने वाले कैबिनेट विस्तार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में 20 नए चेहरे को शामिल किए जा सकते हैं। जबकि कुछ नेताओं की कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है। माना जा रहा है जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में तरजीह देकर एनडीए के कुनबे को बढ़ाने की कोशिश होगी।
इस बार मंत्रिमंडल में करीब 17 से 22 नए मंत्री शामिल हो सकते हैं। इस दौरान कई मंत्रियों से अतिरिक्त प्रभार भी लिए जा सकते हैं। वहीं कई मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। जिसका सिलसिला शुरू भी हो चुका है। केंद्रीय कैबिनेट में कुल 79 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें से फिलहाल 53 ही हैं। इस तरह से 26 नए मंत्रियों के लिए पद खाली हैं। कैबिनेट विस्तार में कुछ वरिष्ठ नेताओं को जगह दी जा सकती है।
इनमें से एक ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व असम सीएम सर्वानंद सोनोवाल भी मंगलवार को राजधानी पहुंचने वाले हैं। चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश से तीन-चार लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है। इन मंत्रियों में अपना दल के नेता अनुप्रिया पटेल को जगह दी जा सकती है। चुनाव को देखते हुए बीजेपी अपने सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दे सकती है। हाल में इन दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी।
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कर्नाटक से कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने वाले उमेश जाधव को भी जगह मिल सकती है। कर्नाटक से दूसरा नाम लिंगायत समुदाय से आने वाले शिव कुमार उदासी या बी वाई राघवेंद्र में से किसी एक का हो सकता है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, पश्चिम बंगाल से शांतनु ठाकुर और दिलीप घोष, बिहार से जेडीयू के आरसीपी सिंह, लल्लन सिंह और संतोष कुशवाहा, हरियाणा से सुनीता दुग्गल, लद्दाख से जामयांग नामग्याल के नामों पर चर्चा हो रही है।