भोपाल
गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। उसके प्रभाव से मध्यप्रदेश के कई जिलों में रूक-रूक कर बरसात हो रही है। उधर गुरूवार को बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है। इस सिस्टम के दो दिन बाद कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर आगे बढ़ने की संभावना है। इससे शिथिल पड़ा मानसून सक्रिय होकर आगे बढ़ने लगेगा। साथ ही पूरे प्रदेश में अच्छी बरसात का दौर शुरू होने की उम्मीद है। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक जैतपुर में सात, ब्यौहारी में छह, बड़नगर में पांच, ताल, चन्नौड़ी, मोहगांव, बिजुरी में चार, करंजिया, वेंकटनगर, धार में तीन सेंटीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को रीवा, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन, इंदौर एवं सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं गरच-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
यह बारिश लगातार 4 से 5 दिन होती रहेगी। यहां से मानसून मालवा-निमाड़ की ओर बढ़ेगा जो 10 या 11 जुलाई को देवास होते हुए इंदौर में दस्तक देगा। अच्छी बात यह है, अरब सागर में भी एक सिस्टम बन रहा है। यदि यह सिस्टम पूरी तरह से डेवलप हो गया तो मुंबई के रास्ते आने वाला पानी भी यहां तक पहुंच जाएगा। ऐसे में इंदौर समेत पूरा अंचल जमकर तरबतर होने वाला है।
मौसम वैज्ञानिक जीडी मिश्रा ने बताया बंगाल की खाड़ी में मानसूनी गतिविधियां सक्रिय होने के कारण बारिश की संभावना बढ़ गई है। अभी राजस्थान में भी कम दबाव का क्षेत्र बनने लगा है। यह बालाघाट, जबलपुर के रास्ते प्रदेश में दस्तक देगा। छिटपुट बारिश 8 जुलाई से शुरू होगी, लेकिन तेज बारिश के लिए दो तीन दिन इंतजार करना होगा। 11 जुलाई से प्रदेश में तेज बारिश शुरू होने के आसार हैं। वहीं, मौसम विशेषज्ञ अजय कुमार शुक्ला के मुताबिक, 8 जुलाई से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होने के आसार हैं। इसमें इंदौर और आसपास भी बारिश हो सकती है। तीन से चार दिन तक यह दौर चल सकता है।