नई दिल्ली
केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. मोदी कैबिनेट में अब अगले एक या दो दिनों में बदलाव हो सकता है. कई नेताओं को नई दिल्ली बुलाया जा रहा है, जबकि केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को अब राज्यपाल बना दिया गया है. ऐसे में संकेत साफ है कि इस बार कई मंत्रियों को बदला जा सकता है और बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को दो साल पूरे हो गए हैं, ऐसे में होने जा रहा ये बदलाव सबसे बड़ा माना जा रहा है. एक अहम कारण ये भी है कि कोरोना की दूसरी लहर ने जिस तरह भारत में तबाही मचाई, उस दौरान केंद्र सरकार की छवि पर गहरी चोट पहुंची है. ऐसे में कैबिनेट विस्तार के जरिए काम को गति देने में और सभी समीकरणों को ठीक करने की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है.
सिर्फ इतना ही नहीं, कैबिनेट विस्तार के जरिए जातीय, क्षेत्रीय और दलीय समीकरण को भी देखा जाएगा. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में यहां पर बड़ा फोकस रहेगा. वहीं बिहार को भी तवज्जो मिल सकती है, क्योंकि यहां पर बीजेपी जेडीयू के साथ सत्ता में है ऐसे में बिहार से सहयोगी दल को मौका मिल सकता है. अगले साल होने वाले 5 विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनावों को इस विस्तार से साधा जा सकता है.
कैबिनेट विस्तार का एक बड़ा कारण ये भी है कि मोदी सरकार में इस वक्त कई मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से अधिक मंत्रालय है. पीयूष गोयल, हरदीप पुरी समेत कई मंत्रियों का नाम इसमें शामिल है. ऐसे में अगर 20 से अधिक मंत्रियों को कैबिनेट विस्तार के जरिए मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो अतिरिक्त प्रभार वाले मंत्रियों पर से बोझ भी कम होगा.
किन सहयोगी दलों को मिल सकती है तवज्जो?
• जनता दल (यूनाइटेड) – बिहार
• लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) – बिहार
• अपना दल – उत्तर प्रदेश
इन राज्यों पर रहेगा फोकस
• उत्तर प्रदेश
• महाराष्ट्र
• बिहार
• पश्चिम बंगाल
• अन्य चुनावी राज्य
मंत्री बनने की लिस्ट में किसका नाम आगे?
• ज्योतिरादित्य सिंधिया
• सर्वानंद सोनोवाल
• नारायण राणे
• शांतनु ठाकुर
• पशुपति पारस
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव की पटकथा लंबे वक्त से लिखी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही के दिनों में वरिष्ठ मंत्रियों के साथ कई बार लंबा मंथन किया है, इसके अलावा पार्टी स्तर पर भी लगातार बैठकें की जा रही हैं. ऐसे में कई दिनों से कैबिनेट विस्तार के संकेत सामने मिल रहे थे, जो अब काफी जल्द हो सकता है.