पटना
समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी शनिवार की देर शाम दिल्ली चले गये. दिल्ली जाने के क्रम में उन्होंने कहा कि वे लौटकर आने के बाद मुख्यमंत्री के समक्ष सारी बातें रखूंगा. उन्होंने बातचीत में कहा कि वह निजी यात्रा पर दो-तीन दिनों के लिए दिल्ली जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर कहा कि अभी उनसे भेंट नहीं हुई है. कहा कि विभाग की स्थिति की जानकारी लौटने के बाद मुख्यमंत्री को देंगे. उन्होंने कहा कि वे अफसर के खिलाफ हैं. पार्टी और सीएम के साथ हैं.
राज्य में अफसरशाही को बेलगाम बताकर इस्तीफे का एलान करने वाले समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी को जब उनके ही कैबिनेट के साथी श्रम मंत्री जीवेश मिश्र ने मामला सुलझा लेने की सलाह दी, तो वे उखड़ गये. सहनी ने कहा कि मैं राजनीतिक प्राणी हूं. उन्होंने जीवेश मिश्र को अपनी सीमा में रहने की भी नसीहत दी. दोनों मंत्री शनिवार को मुजफ्फरपुर में अलग- अलग कार्यक्रमों में शामिल होने पहुंचे थे. सहनी ने इस्तीफे के सवाल को यह कहकर टाल दिया कि पटना लौटकर इस पर निर्णय लेंगे.
एलएस कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा से पत्रकारों ने मदन सहनी की नाराजगी के मामले का हवाला देते हुए पूछा कि क्या उनके विभाग में भी अफसरशाही चल रही है. इस पर मिश्र ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उस विभाग और वहां हुए विवाद के बारे में तो उन्हें पता नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में जिन विभागों को संभालने का दायित्व मुझे मिला है, उसमें किसी तरह की अफसरशाही नहीं है. उन विभागों में पूरी तरह जनता का राज है. जनता द्वारा चुने हुए जो प्रतिनिधि हैं, वो सरकार चला रहे हैं. श्रम मंत्री ने कहा कि किसी विभाग में हो सकता है कि किन्हीं विषयों को लेकर कुछ बातें, कुछ नोक-झोंक हुआ होगा. यह परिवार का मामला है. लेकिन हम ऐसा नहीं मानते कि सरकार में अफसरशाही है. यह जनता द्वारा चुनी हुई सरकार है, सरकार और विभागों को चुने हुए प्रतिनिधि ही चला रहे हैं.
समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी एक निजी जांच केंद्र का उद्घाटन करने आये थे. पत्रकारों ने श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा का हवाला देते हुए पूछा कि वे कह रहे कि अधिकारियों से तालमेल नहीं होने की वजह से विवाद हुआ, तो सहनी ने कहा कि हम राजनीतिक प्राणी हैं, वही अफसर से तालमेल बिठायेंगे. नाराजगी जताते हुए बोले, यह विद्या वे (जीवेश मिश्रा) अपने आप तक सीमित रखें. वे इसी लाइन से जुड़े हुए हैं, इसलिए उनको ऐसा लगता है. कहा कि हम उनको जानते हैं, हमारे जिले के हैं. जिस धंधे से वे जुड़े रहे हैं, हम उनसे ज्यादा जानकार हैं. वो भी दवा के धंधे से आये हैं. उन्होंने कहा कि उनको दो-दो विभाग मिला हुआ है, इसलिए वे ज्यादा खुश हैं. वे अपनी सीमा में रहें. हमें किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं. संचिका मुख्य सचिव के यहां पहुंची है. क्यों नहीं निर्णय हो रहा है. इस्तीफे के सवाल पर कहा कि इस संबंध में वे पटना लौटकर निर्णय लेंगे.