बैतूल CMHO के बाबू की जहर खाने से हुई मौत

बैतूल
 बैतूल जिले में सीएमएचओ दफ्तर के एक बाबू ने जहर खा लिया। आनन फानन में उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मरने के पहले लिपिक ने एक बयान में पुलिस पर परेशान का आरोप लगाया है तो उसकी पत्नी ने इसके लिए ऑफिस के ही एक बाबू को जिम्मेदार ठहराया है।

वही मृतक लिपिक ने एक सोसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमे उन्होंने लिखा है कि मुझे इस भर्ती मामले में फंसाया गया है और इस सब का जिम्मेदार हमारे कार्यालय का सहायक ग्रेड 2 का एक कर्मचारी है ।CMHO कार्यालय में पदस्थ लिपिक सुंदरलाल पवार के पास कार्यालय में आवक जावक शाखा का प्रभार था। फर्जी भर्ती कांड में सोमवार को पुलिस ने बाबू को इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। बताया जा रहा है कि वह पुलिस पूछताछ के बाद से ही परेशान था।

आज उसने तीन सल्फास की गोलियां खरीदी और जिला अस्पताल परिसर के पास मंदिर में बैठकर उन्हें खा लिया। सुंदरलाल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।कोविड में हुई भर्तियों के मामले में पुलिस द्वारा सीएमएचओ कार्यालय के कतिपय बाबुओं के इस कांड में लिप्तता की जांच पर कसे जा रहे शिकंजे के बाद आत्महत्या का यह मामला कई सवाल खड़े कर रहा है।

आत्महत्या करने वाले सुंदरलाल ने एक बयान में आरोप लगाया था कि CMHO कार्यालय का एक सहायक ग्रेड दो ने उसे फंसा दिया है। जबकि पीड़ित की पत्नी ने मीडिया को बताया कि वे दो दिन से परेशान थे।भर्ती कांड में वे फंसाने पर वे किसी मालवीय का नाम लेते थे। इधर पुलिस ने परेशान करने के आरोपो को खारिज कर दिया है। एसडीओपी बैतूल (SDOP Betul) नितेश पटेल ने बताया कि सुंदरलाल को सामान्य पूछताछ के लिए एक बार बुलाया था। इसमे प्रताड़ना जैसी कोई बात नही है।