भिलाई
अपनी कतीपय मागो को लेकर भिलाई इस्पात कर्मचारियो ने बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बुधवार को गेट नंबर 5 के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया।
कर्मचारी 1 जनवरी 2017 से लंबित वेतन समझौता तथा कोरोना से मृत आश्रितों को अनुकंंपा नियुक्ति तथा निलंबित किए गए 14 कर्मचारियों को पुन: बहाल किये जाने की मांग को लेकर बीएसपी कर्मचारियों ने आंदोलन का रास्ता अपनया। सबसे अहम बात यह है कि कर्मचारियो ने इस आन्दोलन से फेडरेशन को दूर रखा है कर्मचारियों को हडताल से रोकने की अफसरों की सारी रणनीति व कवायद असफल हो गई। हालाकि आज की इस हडताल को यूनियन द्वारा समर्थन किया जा रहा है। अब तक बीएसपी के पांच यूनियन कर्मचारियोंं के समर्थन में आ चुके हैं।
कर्मचारी लंबे समय से 2017 से लंबित वेतन समझौते की मांग कर रहे हैं। साथ ही कोरोना से मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने तथा बीते 25 अप्रैल को निलंबित किए गए 14 कर्मचारियों की बहाली की मांग की जा रही है।बीएसपी अफसरों को कर्मचारी आंदोलन की भनक पहले ही लग गई थी, अफसरों ने हड़ताल रोकने की पूरी कोशिश भी की। यूनियनों को साधने का प्रयास किया गया। अफसरों की सारी रणनीति असफल रही है। 30 जून सुबह से ही सारे कर्मचारी काम छोड़ सड़क पर आ गए। बीएसपी में प्रवेश के लिए खुसीर्पार गेट, मेन गेट, बोरिया गेट, मरोदा गेट तथा जोरातरई गेट सहित पांच गेट है, सभी पांच गेट के थोड़ी दूर पर कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए।भिलाई के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि किसी मांग को लेकर यूनियन नहींं कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। इसलिए प्रबंधन की सांस फूली हुई है। अब तक यूनियन हड़ताल करते थे कर्मचारी समर्थन करते थे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं और यूनियन समर्थन कर रहे हैं। आंदोलनरत कर्मचारियों के भोजन व नाश्ते का भी इंतजाम किया गया है।