नई दिल्ली
कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ ही देश में संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोगों ने कोरोना वायरस से बचाव संबंधी नियमों में ढील बरती तो दूसरी लहर के खत्म होने से पहले ही राज्य में संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है।
इसके साथ ही टास्क फोर्स ने कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इस बीच देश के टॉप वायरस वैज्ञानिकों में शामिल प्रोफेसर शाहिद जमील ने आशंका जताई है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट, वैक्सीन लेने के बाद बनी एंटीबॉडी और संक्रमण के बाद शरीर में आई नैचुरल इम्युनिटी, दोनों से बचने में सक्षम हो सकता है।
वहीं, अब कुछ राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज मिलने के बाद कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर भी आशंकाएं बढ़ने लगी हैं। तीसरी लहर से बचने के लिए विशेषज्ञों ने टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल को सबसे बड़ा हथियार बताया है, लेकिन डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर आई इस नई चेतावनी के बाद मेडिकल एक्सपर्ट की चिंताएं बढ़ गई हैं। आईएनएसएसीओजी के पूर्व सदस्य प्रोफेसर शाहिद जमील ने बताया कि वैक्सीन एंटीबॉडी और नैचुरल इम्युनिटी से डेल्टा प्लस वेरिएंट के बच पाने के पीछे वजह यह है कि इस वेरिएंट में ना केवल मूल डेल्टा वेरिएंट के सारे लक्षण मौजदू हैं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट का वो म्युटेशन भी शामिल है, जिसकी पहचान K417N के तौर पर हुई है।