नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने एक लेख में अनुमान लगाया है कि भारत में कोरोना वायरस के चलते आधिकारिक आंकड़ों से पांच से सात गुना अधिक लोगों की मौत हुई हो सकती है। पत्रिका ने यह अनुमान लगाने के लिए जिन अध्ययनों को आधार बनाया है वह किसी देश या क्षेत्र की मृत्यु दर कय करने के लिए वैध टूल नहीं हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह कल्पनाओं पर आधारित लेख है, जिसका कोई पुख्ता आधार नहीं है।
मंत्रालय ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोविड से होने वाली मौतें आईसीएमआर की ओर से जारी 'भारत में कोविड-19 से मौतों की उचित रिकॉर्डिंग के लिए मार्गदर्शन' के तहत दर्ज करें। हमने लगातार इस पर जोर दिया है कि दैनिक आधार पर जिलेवार मामलों और मौतों की निगरानी के लिए एक मजबूत रिपोर्टिंग तंत्र की जरूरत है। मंत्रालय ने यह बात बिहार द्वारा कोविड से हुई मौतों के मामलों में संशोधन किए जाने के दो दिन बाद कही।
बता दें कि बिहार सरकार ने 3951 लोगों की मौत को आंकड़ों में शामिल किया है, जिनकी जानकारी नहीं मिली थी। बिहार में कोविड-19 से हुई मौत के आंकड़ों में अचानक वृद्धि देखी गई थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बुधवार को 9429 बताई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को तय दिशा-निर्देशों के अनुसार ही कोविड से हुई मौतों की जानकारी देने की सलाह दी है।
मंत्रालय ने कहा कि बिहार में मृतकों की संख्या में 3971 की वृद्धि राज्य सरकार द्वारा आंकड़ों के मिलान के बाद हुई थी। इसने कहा, 'राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को औपचारिक संचार, वीडियो सम्मेलनों व केंद्रीय टीमों की तैनाती के जरिए निर्धारित निर्देशों के अनुसार मौतें दर्ज करने के बारे में कई बार सलाह दी गई है।' केंद्र सरकार ने बिहार को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्रालय को कुल मौतों की संख्या का विस्तृत विवरण व जिलेवार ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है।