टैैक्स छूट के लिए 50% परमिट सबमिट

भोपाल
कोरोना संक्रमण के चलते मप्र सरकार ने चार इंटरस्टेट बसों के संचालन पर 15 मई तक रोक लगा दी है। वहीं इंटरडिस्ट्रक कोरोना कर्फ्यू के चलते भी प्रदेशभर के निजी बस संचालकों ने खुद रोक लगा दी है। इसके लिए उन्होंने यात्री नहीं मिलने का हवाला देते हुए के और ओ-फॉर्म सबमिट करना भी शुरू कर दिए हैं। मप्र बस आॅनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि प्रदेशभर की 35 हजार बसों में से अभी तक 50 फीसदी बसों का संचालन 120 दिनों तक नहीं करने के लिए के और ओ-फॉर्म सबमिट कर दिए हैं वहीं, शेष भी इसी कतार में खडेÞ हुए हैं।

निजी बस संचालकों बताया कि बीते 10 अप्रैल से राजधानी समेत प्रदेशभर में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया तब से लेकर अब तक बसों का संचालन बंद है। संक्रमण इतना भयावह है कि यात्री घर से बाहर ही नहीं निकल रहे हैं ऐसे में आॅन द रोड खाली बसों को नहीं दौड़ाया जा सकता। यह स्थिति अभी भी जारी है आंगे कब तक जारी रह सकती है यह भविष्य के गर्व में छिपा है। वैसे भी पिछले एक साल  से परिवहन कारोबार घाटे में चल रहा है। हालांकि परिवहन विभाग के अफसरों की मानें तो उप्र,राजस्थान,छत्तीसगढ़ एवं महाराष्टÑ के अलावा अन्य राज्यों के लिए परिवहन व्यवस्था में छूट मिली हुई है।

भोपाल बस आॅनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष  श्मामसुंदर शर्मा ने बताया कि ज्यादातर बसों की बीमा एवं फिटेनेस की वैलिडिटी समाप्त हो चुकी है। वहीं जिन बसों  बीमा अवधि अभी बांकी है उनके एक्सटेंशन अवधि को लेकर परिवहन विभाग से जल्द ही बात करेंगे। इंदौर बस आॅनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल पैगवार ने बताया कि ज्यादातर बस संचालकों ने परमिट सरेंडर कर दिया है,लेकिन वे अभी भी मासिक किश्त के लिए परेशान हो रहे हैं। सरकार को किश्त पर राहत देनी चाहिए।

परिवहन विभाग के मुताबिक बस संचालक दो प्रकार के फॉर्म सबमिट कर टैक्स में राहत ले सकते हैं। पहला ओ-फॉर्म इसके जरिए 120 दिनों की अवधि तक के लिए परमिट सरेंडर कर सकते हैं । वहीं, दूसरा के -फॉर्म पहले से जमा एडवांस टैक्स को एक्सटेंशन के द्वारा उसके अवधि में विस्तार के जरिए राहत ले सकते हैं। यानि कि इसके बाद जब बसों का संचालन श्ुारू किया जाएगा। तब उस टैक्स को उसमें समायोजित किया जा सकेगा।