स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हृदयांगन साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था मुंबई ने एक शाम देश के नाम कार्यक्रम आयोजित किया जिसमे
देश प्रेम तथा विविध गीतो की जमकर बरसात हुई।। कार्यक्रम की शुरूआत सदाशिव चतुर्वेदी मधुर जी ने सरस्वती वंदना से की ।।चार घंटे चले इस कवि सम्मेलन में उपस्थित कवियों में श्रीमती विद्युत प्रभा चतुर्वेदी मंजू देहरादून, श्रीमती तनुजा चौहान नवी मुंबई, कानपुर से डॉ हरिवाणी ,डॉ प्रमिला पाण्डेय , डॉ कमलेश शुक्ला कीर्ती
श्रीमती संतोषी दीक्षित , मुंबई से नागेंद्र नाथ गुप्ता, शारदा प्रसाद दुबे शरतचंद्र, उमेश मिश्रा प्रभाकर , सदाशिव चतुर्वेदी हरीश तिवारी हास्य व्यंग्य डॉ अरूण प्रकाश अनुरागी, विनय दीप शर्मा सवैया कजरी के धनीकवि और पत्रकार, रमेशचन्द्र महेश्वरी राजहंस बिजनौर तथा विधु भूषण त्रिवेदी संस्था अध्यक्ष ने अपनी कविताओं से समा बाधें रखा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ से रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी प्रलयंकर जी ने की ।उन्होने कालिदास द्वारा लिखित अभिज्ञान शाकुन्तलम जिस नाम से सभी कवि कवियत्रियों को सम्मानित किया जा रहा है उस अनुपम ग्रन्थ पर प्रकाश डालते हुए संस्था की इस विभूषण की सोच के बारे में भूरि भूरि प्रशंसा की । प्रथम सत्र के कवि सम्मेलन का संचालन देहरादून की डॉ अलका अरोड़ा जी ने और द्वितीय सत्र का संचालन मुंबई के उमेश चंद्र मिश्र प्रभाकर जी ने बड़ी खूबसूरती और अपने सुपरिचित अंदाज से किया जिसकी आनलाइन जुड़े श्रोताओं ने काफी सराहना की ।
हृदयांगन संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विधु भूषण विद्यावाचस्पति ने इस अवसर पर सभी कवि मनीषियों को अभिज्ञान शाकुन्तलम सम्मान 2021 शाल वस्त्र से सम्मानित कर सबका आभार प्रकट किया। उन्होने कहा कि सामाजिक गतिविधियो के साथ संस्था साहित्यिक गतिविधियों में नये प्रतिभाशाली नये कवियों को मंच प्रदान कर तथा समय समय पर उनको सम्मानित कर उत्साहवर्धन करती रहती है तथा नियमित अंतराल में हम विशेष अवसरों पर ऐसे आयोजन करते रहेंगे। उन्होने उपस्थित पत्रकार कवि विनय दीप शर्मा दीप के प्रति आभार व्यक्त किया जो संस्था की सभी गतिविधियों को मीडिया के द्वारा प्रसारित करते रहते है। आभार प्रदर्शन के बाद कार्यक्रम ने विराम लिया ।।