रायपुर
छत्तीसगढ़ में एक मई से शुरू हुए 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण अभियान पर ग्रहण लग गया है। उच्च न्यायालय की फटकार के बाद सरकार पर टीकाकरण में कथित प्राथमिकता का वाजिब कारण तलाश रही है। इसमें वक्त लग सकता है तब तक न्यायालय के आरोपों से बचने के लिए सरकार ने टीकाकरण को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव सुरेंद्र सिंह बाघे ने को टीकाकरण को स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया। कलेक्टरों को जारी आदेश में कहा गया, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को एक निर्देश दिया है। इसके मुताबिक स्वास्थ्य विभाग से 30 अप्रैल को जारी टीकाकरण में अन्त्योदय, बीपीएल और बीपीएल के आधार पर प्राथमिकता तय करने वाले आदेश को संशोधित करने को कहा गया है। उच्च न्यायालय ने कहा है, इन वर्गों में टीकाकरण के अनुपात का निर्धारण कमजोर वर्गों, उनमें संक्रमण फैलने की संभावना और पात्र व्यक्तियों की संभावित संख्या के आधार पर होना चाहिए। इसका निर्धारण भी राज्य सरकार को करना है। इस अनुपात के निर्धारण में सरकार को कुछ समय लग सकता है। इस बीच अगर केवल अन्त्योदय राशन कार्ड वालों को टीका लगाया गया तो इसे उच्च न्यायालय की अवहेलना माना जा सकता है। ऐसे में 30 अप्रैल के आदेश में संशोधन किए जाने तक 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण स्थगित किया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, उच्च न्यायालय का आदेश मिलने के बाद राज्य सरकार ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में सचिवों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है। यह समिति टीकाकरण में अन्त्योदय, बीपीएल और एपीएल वर्गों में प्राथमिकता का अनुपात तय करेगी। इसकी सिफारिशों के आधार पर सरकार अपना जवाब उच्च न्यायालय में पेश करेगी। रायपुर के इस केंद्र पर एक मई से 18+ का टीकाकरण शुरू हुआ था। अब यह फिर से सूना हो जाएगा। सरकार ने अभी यहां टीकाकरण बंद होने की सूचना भी नहीं पहुंचाई है।