नई दिल्ली
देश में 13 से 15 साल की उम्र के स्कूल जाने वाले बच्चों में नशे की लत में 42 फीसदी तक गिरावट आई है। यह आंकड़ा मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने जारी किया। वह ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे इंडिया, 2019 नेशनल फैक्ट शीट की रिपोर्ट जारी होने से संबंधित बैठक में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान बताया गया कि देश के 29 फीसदी छात्र पैसिव स्मोकिंग के शिकार हैं। यानी उनके घर या आसपास कोई स्मोकिंग करता है और वो यह धुआं झेलने को मजबूर हैं। गौरतलब है कि ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे का चौथा राउंड 2019 में किया गया था। यह सर्वे जनसंख्या विज्ञान अंतर्राष्ट्रीय संस्थान ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत किया गया था।
अरुणाचल और मिजोरम में सबसे ज्यादा बच्चे करते हैं तंबाकू का नशा
इस सर्वे के जरिए 13 से 15 साल की उम्र के स्कूल जाने वाले बच्चों में नशे की लत का देशव्यापी आंकड़ा जानने की कोशिश की गई थी। इस बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बच्चों और उनके माता-पिता को नशे की बुराइयों के प्रति अवेयर करने के लिए शिक्षकों की भूमिका पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ‘तंबाकू इस्तेमाल के दुष्परिणाम’पर स्कूलों में अलग से बताया जाना चाहिए। आंकड़ों में सामने आया है कि तंबाकू सेवन के मामले में लड़के लड़कियों से आगे हैं। 13 से 15 साल के आयुवर्ग में अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में सबसे ज्यादा बच्चे तंबाकू का सेवन करते हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में यह आंकड़ा सबसे कम है।
सर्वे में ऐसे हैं आंकड़े
देश में 13 से 15 साल की आयुवर्ग के वन फिफ्थ संख्या में बच्चे किसी ने किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।
सर्वे के मुताबिक 9.6 फीसदी लड़के तंबाकू की चपेट हैं वहीं लड़कियों का आंकड़ा 7.4 फीसदी है।
इसमें भी 7.3 फीसदी बच्चे स्मोकिंग की लत के शिकार हैं, वहीं 4.1 फीसदी सूखे तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं।
सर्वे में सामने आया है कि दसवें जन्मदिन से पहले ही 38 फीसदी छात्र सिगरेट, 47 फीसदी छात्र बीड़ी और 52 फीसदी सूखे तंबाकू के नशे का इस्तेमाल कर चुके होते हैं।
10 स्मोकर्स में से 2 छात्रों ने पिछले एक साल के दौरान स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश की है। वहीं दस में दो आगे स्मोकिंग छोड़ने के इच्छुक हैं।
69 फीसदी छात्रों को सिगरेट और 78 फीसदी छात्रों को बीड़ी स्टोर, पान की दुकानों, गली की दुकानों वगैरह से मिल जाती है।
45 फीसदी सिगरेट पीने वालों और 47 फीसदी बीड़ी पीने वाले छात्रों को उनकी कम उम्र के बावजूद दुकान वालों ने इसे देने से मना नहीं किया।
71 फीसदी छात्रों को पता है कि सिगरेट पीना सेहत के लिए नुकसानदेह है।
58 फीसदी छात्रों ने बंद जगहों पर स्मोकिंग पर प्रतिबंध लगाने से सहमत हैं।