भोपाल
कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने और घर तक छोड़ने के लिए एंबुलेंस मनमाने दाम वसूल रही हैं। 30 से 40 रुपए प्रति किलोमीटर के दाम मरीजों से पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस संचालकों द्वारा वसूले जा रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद परिवहन विभाग ने एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) और बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) के रेट तय कर दिए, लेकिन पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस के कोई रेट तय नहीं किए।
मरीजों के परिजनों ने हमीदिया सहित शहर के प्रमुख अस्पतालों में प्री-पेड एंबुलेंस बूथ बनाने की मांग की है। जिससे मरीज की जरूरत के हिसाब से प्रीपेड बूथ पर किमी के हिसाब से ही पहले पैसे जमा करने पर एएलएस, बीएलएस और पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस मिल सके। इन बूथ पर शहर की सभी एंबुलेंस के नंबर्स मौजूद रहें।
राजधानी के हमीदिया अस्पताल में भोपाल ही नहीं आसपास के जिलों से करीब 50 कोरोना मरीज पहुंचते हैं। यहां बेड न होने के कारण कई बार मरीजों को दूसरे अस्पतालों में जाने के लिए एंबुलेंस की जरूरत पड़ती है। मॉर्चुरी के सामने खड़ी बिना जीवन रक्षक संसाधनों वाली पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस अकेले भोपाल शहर के अस्पतालों में ही पहुंचाने के तीन से चार हजार रुपए मांगते हैं। दो साल पहले हमीदिया प्रबंधन ने एंबुलेंस के रेट किलोमीटर के हिसाब से तय किए थे, लेकिन निगरानी पर ध्यान नहीं दिया यही वजह है कि हमीदिया अस्पताल परिसर में एंबुलेंस माफिया हावी है और मुंहमांगी रकम देने पर ही जरूरतमंद मरीजों को एंबुलेंस मिल पा रही है।
मारुति वैन, टेम्पो ट्रेवलर, बोलेरा जैसे वाहनों को एंबुलेंस के नाम पर रजिस्टर्ड कराकर सिर्फ आॅक्सीजन सिलेंडर रखकर मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है। इन पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस और डेड बॉडी ले जाने वाले शव वाहनों के रेट तय नहीं हुए हैं। इसका फायदा एंबुलेंस संचालक उठा रहे हैं।















