लखनऊ
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को फतह करके सीएम योगी आदित्यनाथ व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की जोड़ी ने यह संदेश दे दिया है कि फाइनल यानी विधानसभा चुनाव भी फतह करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। इस चुनाव के बाद सीएम योगी व स्वतंत्रदेव, दोनों ही मजबूत होकर उभरे हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की बागडोर भी इसी जोड़ी के हाथों में रहेगी।
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिलने के बावजूद जिपं अध्यक्ष के चुनाव में सत्ता और संगठन ने तालमेल से जिस तरह भारी जीत हासिल की, उसे योगी और स्वतंत्रदेव की जोड़ी के कमाल के रूप में देखा जा रहा है। जिपं सदस्य का चुनाव जीतने वाले बागियों से लेकर निर्दलीयों व चुनाव जिताने का माद्दा रखने वाले अन्य लोगों को अपने पाले में खड़ा करने की तैयार की गई रणनीति का असर नतीजों के रूप में सामने आ गया है।
मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह से सत्ता और संगठन को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे, उससे यह संकेत मिल रहे थे कि विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ही मोर्चों पर कुछ बदलाव किए जा सक ते हैं। लेकिन पहले के चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में करके योगी-स्वतंत्रदेव की जोड़ी ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। पिछले महीने राजधानी में तेजी से चले सियासी घटनाक्रम में सीएम योगी का डिप्टी सीएम केशव मौर्य के घर लंच पर जाना और उसके बाद दोनों तरफ से सरकार और पार्टी में एकजुटता का संदेश दिया जाना भी इस चुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में कारगर साबित हुआ।
जिपं अध्यक्ष के नतीजों ने यह भी साफ कर दिया है कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में योगी व स्वतंत्रदेव की अगुवाई में मैदान में उतरेगी। चुनाव नतीजों से भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का भी इस जोड़ी पर भरोसा बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सरकार और संगठन को 65 जिलों का लक्ष्य दिया था। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष भी जून दो बार लखनऊ आकर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव पर मंथन कर गए थे। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिए गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार और संगठन ने दो महीने तक हर जिले में खासी मशक्कत की।
विपक्षी दलों में सेंधमारी के साथ निर्दलीयों और बागियों को भी भाजपा में शामिल कराया गया। 29 जून को नामांकन वापसी के दिन ही 21 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित कराकर सरकार व संगठन ने चुनाव में प्रचंड जीत का संदेश दे दिया था। शनिवार को 53 जिलों में हुए चुनाव में योगी-स्वतंत्रदेव की जोड़ी ने राष्ट्रीय नेतृत्व की उम्मीद से अच्छा परिणाम दिया। सियासी गलियारे में अब चर्चा चल पड़ी है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से सीएम योगी व स्वतंत्रदेव और मजबूत होकर उभरे हैं। विधानसभा चुनाव में रणनीति तैयार करने से लेकर उम्मीदवार चयन और चुनाव प्रबंधन में इस जोड़ी की अहम भूमिका रहेगी।