स्वतंत्रता सेनानियों की तीसरी-चौथी पीढ़ी को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने की कवायद

भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने और पार्टी की विचारधारा से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तीसरी व चौथी पीढ़ी को जोड़ने के साथ ही पार्टी की  रीति नीति से लगातार अलग हो रहे युवा पीढ़ी को साधने की दृष्टि से बाल कांग्रेस के गठन पर गंभीरता से विचार कर रही है। पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर इस विषय में जिला कांग्रेस कमेटीओ के सभी अध्यक्षों से सुझाव मांगे गए हैं। पार्टी का मानना है कि स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े कांग्रेस नेताओं के साथ ही किसी जमाने में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे परिवारों की ओर से लगातार यह सुझाव दिए जा रहे हैं कि उनके परिवारों की वर्तमान पीढ़ी को कांग्रेस की विचारधारा और देश के प्रति दिए गए योगदानों से उन्हें परिचित कराने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कोई बड़ा कदम उठाया जाए।

ऐसा होगा स्वरूप
वैसे बाल कांग्रेस का कांसेप्ट कोई नया नहीं है, इसके पूर्व भी इस नाम का संगठन बनाया गया था और इसमें 10 से 20 साल के आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को पार्टी से जोड़ने का क्रम चलाया गया था। किंतु इस योजना की सफलता और असफलता का मूल्यांकन किए बिना ही अचानक इसे बंद कर दिया गया। अब कांग्रेस की इस नई योजना के अनुसार 16 से 20 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों को बाल कांग्रेस संगठन से जोड़कर उन्हें एक तरह से पार्टी की नर्सरी के रूप में तैयार करना है. साथ ही पार्टी की विचारधारा सिद्धांतों और अब तक किए गए कार्यों का पाठ पढ़ाना है। ताकि भविष्य में वह पार्टी के एक सक्रीय और विचारवान कार्यकर्ता के रूप में अपना योगदान दे सकें। बता दें कि अभी कांग्रेश के पास एनएसयूआई के रूप में एक ऐसा संगठन है जिसमें स्कूल और कॉलेज के छात्र छात्राओं को जोड़कर पार्टी की मुख्यधारा मे लाया जाता है। बाद में यही कार्यकर्ता युवक कांग्रेस के रास्ते से होते हुए पार्टी के लिए काम करना शुरू करते हैं।

संघ की शाखा है भाजपा की नर्सरी
दूसरी ओर 135 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी से हर मोर्चे पर आगे निकलते दिख  रही भाजपा की नर्सरी के रूप में वर्षों से आरएसएस की शाखा काम कर रही है जहां ध्वज प्रणाम और नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे के जरिए राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया जाता है।  बाद में शाखा  से निकले किशोर और युवा भाजपा की विचारधारा और रीति -नीति मेरचबस कर उसके लिए समर्पित होकर कार्य करना शुरू कर देते हैं।जबकि कांग्रेस पार्टी के पास इस तरह का न तो कोई संगठन है और न ही इसके लिए कोई सार्थक प्रयास किए गए हैं।

 

सक्षम विचारधारा बाल्य काल से ही विकसित होती है लिहाजा बाल कांग्रेसका गठन पार्टी के दूरगामी सोच विचारधारा की मजबूती के लिए एक सोचा समझा कदम का हिस्सा है। इससे नासिर पार्टी मजबूत होगी बल्कि पार्टी की नीति से नई पीढ़ी को जोड़ा जाएगा।दूसरी ओर भाजपा ने नौजवानों को झूठा भ्रम फैलाकर गुमराह कर दिया है।
के के मिश्रा महामंत्री (मीडिया) प्रदेश कांग्रेस

जिस पार्टी की युवा संगठन निष्क्रिय हो चुकी है और मैदानी स्तर पर जिसका कोई अस्तित्व दिखाई नहीं देता ,ऐसी कांग्रेस पार्टी के द्वारा बाल कांग्रेस बनाने की शुरुआत पूरी तरह से नाटकीय लगता है। ऐसा लगता है की पीसीसी चीफ कमलनाथ की मंशा राष्ट्रीय स्तर पर बाल कांग्रेस का गठन कर उसके अध्यक्ष के रूप में अपने नेता राहुल गांधी को पुनरस्थापित करने की है।
राहुल कोठारी मंत्री मध्य प्रदेश भाजपा