मुंबई
एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में पार्टी प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा है कि ये जेल में हुई हत्या है। उन्होंने लिखा है कि मोदी सरकार तानाशाही कर रही है और इसका दिल मुसोलिनी और हिटलर की तरह कमजोर है। संजय राउत ने अपने कॉलम में लिखा है कि मोदी सरकार इंदिरा गांधी सरकार की तरह काम कर रही है। इंदिरा गांधी जॉर्ज फर्नांडिस से डरती थीं लेकिन कम से कम जॉर्ज एक युवा नेता थे उनकी उम्र फादर स्टेन स्वामी जितनी नहीं थी। मौजूदा सरकार तो 84-85 साल के बुजुर्ग, जो ठीक से चल फिर नहीं सकते थे, उनसे डर रही है।
राउत कहते हैं- 84 वर्षीय दिव्यांग व्यक्ति से डरी सरकार चरित्र में तानाशाह है, लेकिन दिमाग से कमजोर है। हम एल्गार परिषद की गतिविधियों का समर्थन नहीं करते लेकिन बाद में जो हुआ उसे स्वतंत्रता पर नकेल कसने की एक साजिश की तरह देखना चाहिए। हम माओवादियों और नक्सलियों की इस विचारधारा से सहमत नहीं हो सकते हैं लेकिन हिरासत में स्वामी की मौत को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। क्या देश की नींव इतनी कमजोर है कि इसे 84 साल के एक व्यक्ति से खतरा हो सकता है।
भाजपा संगठन में हो सकता है फेरबदल, पार्टी के राष्ट्रीय सचिवों संग जेपी नड्डा की बैठक बता दें कि स्टेन स्वामी एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी थे। वह अक्टूबर, 2020 में गिरफ्तारी के बाद से वो तलोजा जेल में बंद हैं। एनआईए ने स्टेन स्वामी पर 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में शामिल होने और नक्सलियों के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे। उनके ऊपर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लगाया गया था। लगातार तबीयत बिगड़ने के बाद बीते हफ्ते उनकी मौत हो गई।