नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल किसी की बेइज्जती करने के लिए नहीं किया जा सकता। इसके बाद शीर्ष कोर्ट ने एक कॉलेज के प्रोफेसर को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से मना कर दिया। यूपी के फिरोजाबाद स्थित एसआरके कॉलेज के प्रोफेसर शहरयार अली ने कथित रूप से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। आईटी एक्ट की धारा 66ए के निरस्त होने के बाद सोशल मीडिया पर जो ‘गंदगी’ बढ़ी है, उस पर लगाम कसने के लिए कोर्ट की ये टिप्पणी अहम है।
जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि आप इस तरह से एक महिला का अपमान नहीं कर सकते। आपने किस भाषा का प्रयोग किया है। आलोचना और मजाक करने की एक भाषा होती है। ऐसा नहीं होगा कि आप जो कहना चाहते हैं कहें और बच कर निकल जाएं। यह कहते हुए पीठ ने अली को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। अली को पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी और अश्लील सामग्री पोस्ट करने के मामले में आईपीसी की धारा 502 (2) और आईटी एक्ट की धारा 67 ए के तहत मामला दर्ज किया था। अली के खिलाफ यह शिकायत भाजपा नेता ने दर्ज करवाई थी।