सोमनाथ में परियोजनाओं की PM मोदी ने आधारशिला रखी 

सोमनाथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के सोमनाथ में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अन्य नेताओं से जुड़े। सोमनाथ की परियोजनाओं में सोमनाथ सैरगाह, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र, पार्वती मंदिर और प्राचीन (जूना) सोमनाथ के मंदिर का पुननिर्मित परिसर शामिल हैं। इस दौरान सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मोदी ने कहा कि, हमें अपने धार्मिक पर्यटन को मजबूत करने की जरूरत है। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उन्हें (युवाओं को) हमारे अतीत का भी ज्ञान होगा। सोमनाथ में प्रधानमंत्री ने कराए उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता। इस बारे में हमें अतीत से भी सीखना चाहिए। 

मोदी बोले, "जब मैं 'भारत जोड़ो आंदोलन' (एकजुट भारत आंदोलन) की बात करता हूं, तो यह केवल भौगोलिक और वैचारिक संबंध के बारे में नहीं है। अपितु यह हमारे इतिहास की विरासत के साथ एक नया भारत बनाने का भी संकल्प है। हमारे नए भारत के मजबूत स्तंभ के रूप में तैयार हो रहा है राम मंदिर। राम मंदिर हमें हमारी संस्कृति से रूबरू कराएगा।"

मोदी ने कहा- 'भारत जोड़ो आंदोलन' पर जोर दें मोदी ने कहा कि, सोमनाथ से जुड़ी परियोजनाओं से लोगों को काफी कुछ मिलेगा। नवनिर्मित सोमनाथ प्रदर्शनी गैलरी देखेंगे तो अपने इतिहा​स को जान पाएंगे। ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए इसमें प्राचीन कलाकृतियों और दस्तावेजों का विशाल संग्रह है। मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद सरकार की ओर से बताया गया कि, मोदी ने मुख्य मंदिर के सामने पुराने सोमनाथ मंदिर में हाल ही में पुनर्निर्मित "अहिल्याबाई होल्कर मंदिर" का उद्घाटन भी किया है। 

गुजरात के सोमनाथ में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। इन परियोजनाओं में सोमनाथ सैरगाह (प्रोमेनेड), सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने सोमनाथ के मंदिर परिसर का पुनर्निर्माण शामिल हैं। सोमनाथ मंदिर के पास 45 करोड़ रुपए की लागत से वॉक-वे बना है। गुजरात सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि, मोदी ने प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर की 83 करोड़ रुपए की 4 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। जिनमें कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी है।
 
मालूम हो कि, सोमनाथ सैरगाह को प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान) योजना के तहत कुल 47 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। वहीं, 'पर्यटक सुविधा केंद्र' के परिसर में तैयार सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र, पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित हिस्सों और पुराने सोमनाथ की नागर शैली के मंदिर वास्तुकला वाली मूर्तियों को प्रदर्शित करता है। जानकारी के मुताबिक, पुराने (जूना) सोमनाथ के मंदिर परिसर के पुनर्निमाण कार्य को सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा 3.5 करोड़ रुपए के खर्च के साथ पूरा किया गया है। इस मंदिर को अहिल्याबाई मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसे इंदौर की रानी अहिल्याबाई द्वारा बनाया गया था। बाद में यह खंडहर में तब्दील हो गया था। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा एवं पर्यटन को ध्यान में रखते हुए प्राचीन मंदिर परिसर का समग्र रूप से पुनर्विकास किया गया है।

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