सोने व चांदी को वायदा बाजार से अलग किया जाए – हरख मालू

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रायपुर, 14 अक्टूबर;  सोने व चांदी के वायदा बाजार के कारण सराफा बाजार अत्यधिक प्रभावित हो रहा है। जिसकी परेशानी आम जनता (ग्राहक) को हो रही है। बेहतर होगा वायदा बाजार से सोने व चांदी को अलग किया जाए ताकि कीमतों में स्थिरता बनी रहे व अनियमित उतार चढ़ाव पर भी रोक लग सके। चूंकि सोने व चांदी में लोग निवेश या खरीदी इसलिए करते हैं कि यह महज ज्वेलरी ही नहीं बल्कि किसी विपदा के समय में उनके लिए अनिवार्य साधन सुविधा के रुप के मददगार साबित होती है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि सोने व चांदी को वायदा बाजार से अलग किया जाए।

मालू ने जारी बयान में कहा कि सराफा में वायदा बाजार की मौजूदगी को आम आदमी नहीं समझ पाता है वायदा या कमोडिटी बाजार के लिए केवल पेपर वर्क में ही काम हो जाता है और ऐसे ही सौदों से  सोना या अन्य कीमती धातुओं के भावों में उतार-चढ़ाव होता रहता है, जो ज्वैलरी बाज़ार को प्रभावित करता है। सोने के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थितियों, डॉलर की मजबूती, मुद्रास्फीति और मांग-आपूर्ति जैसे कारकों से तय होते हैं, जिसका सीधा असर सोने की ज्वैलरी की खुदरा कीमतों पर पड़ता है। चूंकि केन्द्र की वर्तमान सरकार ने हमेशा ही अपनी व्यापारिक व आर्थिक नीतियों को आम आदमी को राहत प्रदान करने वाली सोंच के साथ लागू किया है इसलिए सराफा जैसे महत्वपूर्ण बाजार से वायदा कारोबार को हटाकर राहत प्रदान कर सकती है इसलिए उन्होने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखते हुए आग्रह किया है।