सुप्रीम कोर्ट : महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से बचाने प्रत्येक नियोजकों को ‘आंतरिक परिवाद समिति गठित करने के निर्देश

रायपुर
माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देश पर भारतीय संसद द्वारा महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से बचाने के लिए लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 2013 (The Sexual Harrassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressel) Act 2013, निर्मित किया गया एवं भारतीय दंड संहिता में धारा 354 ए,बी,सी एवं डी जोड़े गए हैं।
सहायक श्रमायुक्त, रायपुर ने जिले के समस्त औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं व्यावसायिक संघों1628861435611673fb5dccc9.29804922 के पदाधिकारियों को सदस्य संस्थानों को आंतरिक परिवाद समिति का गठन करने हेतु निर्देशित करने कहा हैै।
इस अधिनियम 2013 की धारा 4 के अनुसार किसी कार्य स्थल का प्रत्येक नियोजक लिखित आदेश द्वारा ‘आंतरिक परिवाद समिति का गठन करेगा। आंतरिक परिवाद समिति का गठन इस तरह से किया जाएगा। इसमें एक पीठासीन अधिकारी जो कार्यस्थल पर उच्च स्तर पर नियोजित महिला कर्मचारी होगी। कर्मचारियों में से कम से कम 2 सदस्य जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध हों या जिनके पास सामाजिक कार्य में अनुभव है या विधिक ज्ञान है। गैर-सरकारी संगठन (NGO) से एक ऐसा सदस्य जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध है या ऐसा कोई व्यक्ति जो लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों से सुपरिचित है।
इसी तरह अधिनियम की धारा 6 के अनुसार ऐसे संस्थानों में जहाँ ’10 से कम कर्मचारी’ होने के कारण आंतरिक परिवाद समिति गठित न की गई हो, अथवा परिवाद नियोजक के ही विरूद्ध हो, तो परिवाद जिला स्तर पर गठित स्थानीय परिवाद समिति को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर के अनुमोदन से रायपुर जिले में भी ‘जिला स्तरीय परिवाद समिति’ गठित है।
अधिनियम की धारा 19 के अनुसार प्रत्येक नियोजक का यह कर्तव्य होगा कि वह कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराएगा। साथ ही वह उपरोक्तानुसार आंतरिक समिति के गठन के आदेश और उत्पीड़न के दंड को ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करेगा, जहाँ से वह सरलता से दिखलाई पड़े। अधिनियम की धारा 26 के अनुसार कोई नियोजक यदि आंतरिक समिति का गठन करने में असफल रहता हो अथवा अधिनियम के किन्हीं नियमों का उल्लंघन करता हो तो वह 50 हजार रूपए तक के जुर्माने से दण्डनीय होगा।
संस्थान में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अनुसार 1 सप्ताह के भीतर लिखित आदेश के द्वारा आंतरिक परिवाद समिति गठन एवं आदेश की एक प्रति डाक द्वारा कार्यालय सहायक श्रमायुक्त, रायपुर को प्रेषित करें। इसके साथ ही आंतरिक परिवाद समिति गठन का आदेश अपने संस्थान में सरलता से दिखलाई पड़ने वाले स्थान पर प्रदर्शित करना सुनिश्चित करें।
समिति गठन आदेश की प्रति एवं उसे संस्थान में सभी को सरलता से दिखलाई पड़ने वाले स्थान पर चिपकाकर उसका फोटो को सहायक श्रम पदाधिकारी श्रीमती लता आहुजा, मोबाइल नं- 84352-63720, श्रम निरीक्षक आर.एस. राजपूत मोबाइल नं- 99261-53926, नम्बर पर व्हाट्सएप्प कर सकते हैं।