नई दिल्ली,
सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के आसपास सड़क चौड़ीकरण की परियोजना में आड़े आ रहे हेरिटेज यानी बेहद पुराने वृक्षों की कटाई पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने आदेश दिया कि जब तक कर्नाटक हाईकोर्ट से इसपर फैसला नहीं हो जाता, तब तक कर्नाटक रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (KRDCL) एक भी पेड़ नहीं काटेगा.
सुप्रीम कोर्ट में दत्तात्रेय टी देवरे ने याचिका दाखिल कर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. कर्नाटक हाई कोर्ट ने परियोजना के रास्ते में आ रहे पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी. इनमें सौ से ज्यादा हेरिटेज पेड़ भी हैं. इनके काटने की इजाजत को चुनौती दी गई है.
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए एग्रीकल्चर साइंस यूनिवर्सिटी के वन और पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट पर भी चर्चा की. केआरडीसीएल की ओर से बताया गया कि 91 पेड़ों में से अब सिर्फ 18 ही बचे हैं. उनमें से नौ को तो शिफ्ट किया जा रहा है. हाईकोर्ट को ये भी बताया गया कि इस परियोजना से कुल 7512 पेड़ प्रभावित हुए हैं. एक्सपर्ट कमेटी की राय है कि 3068 पेड़ तो कटेंगे. 642 को खिसकाया जाएगा और 1801 पेड़ स्थानांतरित किए जाएंगे. क्योंकि इन पेड़ों की वजह से रोड के अलाइनमेंट में बहुत दिक्कत आ रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब ये मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में सुना जा रहा है तो बेहतर होगा कि याचिकाकर्ता अपनी बात, चिंता और अपनी तथ्यपूर्ण दलील वहीं रखें. सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की उसी खंडपीठ के सामने अपनी बात रखने की इजाजत दी, बल्कि इस विशेष अनुमति याचिका यानी एसएलपी का निपटारा भी कर दिया.















