नई दिल्ली
12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर आज या कल सीबीएसई और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अपना फैसला सुना सकते हैं। इस बीच पीएम मोदी ने मंगलवार शाम 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर हुई अहम बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्हें तमाम राज्यों और हितधारकों से मिले सुझावों एवं व्यापक विचार विमर्श से निकल रहे विभिन्न विकल्पों के बारे में बताया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई मीटिंग में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान, निर्मला सीतारमण मौजूद थे। इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल हुए।
23 मई को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल मीटिंग के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर एक जून को या इससे पहले अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में भी कहा कि दो दिनों के भीतर 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला ले लिया जाएगा। इसके अलावा राज्य भी शिक्षा मंत्रालय को परीक्षाओं के आयोजन को लेकर अपने सुझाव भेज चुके हैं। यानी अब बस सीबीएसई और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले का इंतजार है। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान, निर्मला सीतारमण एवं शिक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में परीक्षा के आयोजन से जुड़े विभिन्न सुझावों और विकल्पों पर मंथन हुआ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से एक बार फिर कोरोना महामारी के चलते 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बच्चों का रिजल्ट पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर निकाला जाना चाहिए। ये अपील उन्होंने पीएम मोदी की बैठक से पहले की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद इससे संबंधित समस्याओं की वजह से मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया।
पहले विकल्प की खास बातें :
1-परीक्षाएं निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कराई जाएं, जो कि सीमित हैं।
2-केवल 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा कराई जाए।
3-कम महत्वपूर्ण विषयों में प्रदर्शन का आकलन प्रमुख विषयों में किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया जाए।
4-इस विकल्प के अनुसार परीक्षा पूर्व की गतिविधियों के लिए एक महीने और परीक्षा कराने तथा नतीजे घोषित करने के लिए दो महीने की जरूरत है। इसके बाद कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए 30 दिन की जरूरत है।
5- दूसरे विकल्प के अनुरूप परीक्षा तभी हो सकती है कि जब बोर्ड के पास कम से कम तीन महीने का सुरक्षित समय उपलब्ध हो।
6-परीक्षाएं कराने का संभावित महीना अगस्त हो सकता है और पूरी प्रक्रिया सितंबर अंत तक खत्म होगी।
7-किसी कारण बस यदि तीन महीने का समय नहीं मिल पाता है और परिस्थितियां सुरक्षित परीक्षा कराने के अनुकूल नहीं रहती हैं, तो यह विकल्प व्यावहारिक नहीं होगा।
दूसरे विकल्प के प्रमुख तथ्य :
1-सीबीएसई बोर्ड द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षाएं दो बार कराई जा सकती हैं।
2-जहां अनुकूल स्थितियां हों, वहां उपयुक्त तारीख से परीक्षा शुरू की जा सकती हैं। इसके बाद के बचे हुए स्थानों पर परीक्षाएं 15 दिन बाद शुरू होंगी।
3-तय तिथि पर कोरोना संबंधित कारणों से कोई विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाए, तो उसे परीक्षा में बैठने का दूसरा मौका दिया जाए।
4-प्रश्न पत्र इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे जाएंगे ताकि परीक्षाओं में वाहनों को लगाने की जरूरत ना पड़े। परीक्षाओं का संचालन लचीला और जिम्मेदारीपूर्ण बनाने पर जोर।