सीबीआई जांच को लेकर डीटीसी बस खरीद मामले पर दिल्ली में सियासत तेज

नई दिल्ली
डीटीसी बस खरीद मामले पर सीबीआई जांच को लेकर दिल्ली की सियासत तेज हो गई है। दिल्ली सरकार ने इस मामले पर केंद्र पर परेशान करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने जांच पूरी होने तक परिवहन मंत्री को हटाने की मांग की है तो कांग्रेस ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने सरकार के इस्तीफे की मांग की है।  दिल्ली में बस खरीद के मामले को विधानसभा में उठाने वाले भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि जब तक सीबीआई पूरे मामलों की जांच नहीं कर लेती है, तब तक परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत समेत विभाग के उन सभी अधिकारियों को पद से हटा दिया जाना चाहिए, जो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार अपने मंत्रियों और अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। उम्मीद करते हैं जल्द ही सच जनता के सामने होगा। लंबे समय से सरकार ने डीटीसी बसों की खरीद नहीं की और अब इस मामले में भ्रष्टाचार का प्रयास किया गया। सीबीआई जांच से पूरा मामला सामने आ जाएगा।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने डीटीसी बस मामले में मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच पूरी होने तक इस्तीफा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीटीसी बस की खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए उन्होने 13 जुलाई को केन्द्रीय सतर्कता आयोग और 14 जुलाई को सीबीआई से शिकायत की थी। इसके बाद ही इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। भाजपा की ओर से लगातार लीपापोती का प्रयास किया जा रहा था। जबकि, कांग्रेस लगातार घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग कर रही थी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को जनता के सामने रखा और आगे भी वह इस मामले पर जनता के बीच जाएगी। सरकार लोगों को डीटीसी बस उपलब्ध कराने में असफल रही है।  डीटीसी बस खरीद के मामले में दिल्ली सरकार को परेशान करने का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र परेशान करने के लिए सीबीआई का सहारा ले रहा है। पहले भी दिल्ली सरकार का परेशान करने का प्रयास किया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। डीटीसी बस मामले में भी यही साबित होगा। दिल्ली सरकार केवल जनता को अच्छी सरकार देने में विश्वास करती है।

क्या है पूरा मामला
दिल्ली सरकार ने कुछ महीने पहले ही एक हजार लो-फ्लोर बसों की खरीद का ऑर्डर जारी किया था। इस पर भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने एलजी से शिकायत कर दी थी कि मेंटनेंस का ठेका भी बस सप्लाई करने वाली कंपनी को ही दे दिया गया है जो गलत है। उनकी दलील है कि इस तरह बसों के सड़कों पर उतरते ही मेंटनेंस कॉन्ट्रैक्ट भी लागू हो जाएगा जबकि बसों की तीन साल की वॉरंटी होनी चाहिए।