सीएम हेल्पलाइन में मुरैना की रैकिंग प्रदेश में अच्छे नंबर पर आना चाहिये – कलेक्टर

मुरैना
कलेक्टर बी.कार्तिकेयन जिले के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि 23 अगस्त को मुख्यमंत्री व्हीसी के माध्यम से समस्त जिलों की समीक्षा करेंगे। इस अवसर पर सीएम हेल्पलाइन की भी समीक्षा की जायेगी। इसके लिये प्रदेश की रैकिंग 19 अगस्त को दोपहर 2 बजे तक निकलेगी। इसके लिये सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों में लंबित सीएम हेल्पलाइनों को संतुष्टिपूर्ण निराकरण करायें, तभी जिले की रैकिंग बढ़ेगी। ये निर्देश उन्होंने सोमवार को टीएल बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोशन कुमार सिंह, अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव, गूगल मीट से जुड़े समस्त एसडीएम और मीटिंग हॉल में उपस्थित सभी जिलाधिकारी, जनपद सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ मौजूद थे।
    
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने कहा है कि विशेषकर 100 दिवस और 300 दिवस की शिकायतें लंबित है। कलेक्टर ने कहा कि नवीन राशन कार्ड जारी करना, पात्रता पर्ची बनवाने के संबंध में 522, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के पंजीयन राशि के भुगतान के संबंध में राजस्व विभाग की 127, राष्ट्रीयक्रत निजी बैंक संस्था से फसल बीमा का लाभ से संबंधित फसल, बीमा कृषि कल्याण की 55, सड़कों, गलियों, नालियों, सीवरेज, साफ-सफाई की 100, साफ-सफाई, पानी निकासी की 245, हेण्डपंप खराब, रख-रखाब आदि की 147 शिकायतें पायी गई है। इन शिकायतों को फोर्स क्लोज न करें, क्योंकि रेगूलर माह में प्राप्त होने वाली शिकायतों को फोर्स क्लोज करने पर जिले की रैकिंग कम होती है। जबकि 100 और 300 दिवस की लंबित शिकायतों को उनका समाधान कारक नहीं निकलने पर फोर्सली क्लोज करेंगे तो जिले की रैकिंग में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने समस्त जनपद सीईओ एवं सीएमओ को 19 अगस्त से पहले प्रतिदिन सीएम हेल्पलाइन कम करने के निर्देश दिये और सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का प्रतिदिन निराकरण रिपोर्ट जिले को भेजने के निर्देश दिये।
    
कलेक्टर कार्तिकेयन ने पीडीएस की समीक्षा की। उन्होनें कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पीडीएस का राशन बैग में मिले, इसके लिये जैसे-जैसे बैग प्राप्त हो रहे है। उसी आधार पर राशन का वितरण तेजी से किया जाये। कलेक्टर ने कोविड अनुकंपा, कोविड अनुग्रह सहायता के संबंध में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट देखे बिना अनुकंपा या अनुग्रह सहायता राशि का आवेदन मेरे समक्ष में आया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ निलंबन से कम कार्रवाही नहीं होगी और प्रत्येक प्रकरण पर दो-दो दिवस का वेतन भी काटा जायेगा।