रायपुर
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि विधानसभा चुनाव आने तक किसानों के धान की कीमत 2800 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों की हितैषी सरकार है. देश में सबसे बेहतर समर्थन मूल्य छत्तीसगढ़ में सरकार दे रही है. इसके साथ ही उन्होंने 2800 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदने के संकेत दिए हैं.
मुख्यमंत्री निवास पर गोवर्द्धन तिहार का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान मुख्यमंत्रीने कहा कि कांग्रेस किसानों की सरकार है. पूरे देश में कहीं भी 25 रुपए किलो में धान की बिक्री नहीं हो रही है. छत्तीसगढ़ में 2500 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा कीमत पड़ रहा है.
अभी किसानों को किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त मिली है. चौथी किश्त मिलते मिलते ही धान कि कीमत 2800 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा की विधानसभा चुनाव आने तक धान कि कीमत 2800 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगी. 9000 प्रति एकड़ से कम में धान की खरीदी नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों से अपील की है कि आज गोवर्द्धन पूजा मनाया गया है. संगठनों और गाय का संरक्षण भी करना है.
उन्होंने कहा कि खेतों में किसी प्रकार से पैरा नहीं जलाएं. पैरा को दान करें ताकि वह गौठानों में जाए और उसको खाएं. सीएम भूपेश बघेल ने यह साफ कर दिया कि प्रदेश की सरकार वास्तव में किसान हितैषी है. किसानों की हित के लिए कार्य कर रही है. वहीं, आने वाले विधानसभा चुनाव तक धान की कीमत 2800 रुपए प्रति क्विंटल होने के संकेत दिए.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि खेती -किसानी को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की योजनाओं से प्रदेश में किसानों की संख्या और खेती का रकबा बढ़ा है। समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गई है। इसी तरह खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर लगभग 28 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को बड़ा सहारा मिला है। गोवर्धन पूजा को हम आज राज्य में गौठान दिवस के रूप में मना रहे हैं ।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो ग्रामीणों और पशुपालकों से दो रुपए किलो में गोबर खरीद रहा है। राज्य सरकार की इस योजना ने पशु पालकों और गोबर संग्राहकों से अब तक 55 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की है और दो रुपए किलो की दर से पशुपालकों के खाते में लगभग 110 करोड रुपए की राशि का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलने लगा है। गौठानों में गोबर की खरीदी से वर्मी कंपोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने के साथ-साथ विभिन्न आय मूलक गतिविधियों से हमारी महिला समूह की बहनों ने 80 -90 करोड़ की आय अर्जित की है। वर्मी खाद के उपयोग से फसल की स्थिति अच्छी हुई है । हम जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में रासायनिक खाद को लेकर मारामारी मची हुई है। किसान हलाकान और परेशान हैं। सोसायटियों में रासायनिक खाद न मिलने से वहाँ लड़ाई हो रही है। हमारे राज्य रासायनिक खाद की कमी को हमने वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि यदि हम वर्मी कंपोस्ट का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन और उपयोग करने लगे, तो राज्य के किसान भाइयों को रासायनिक खाद की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।