रायपुर
साहब के बंगले के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है,गेट बंद हैं और जांच टीम अपना काम पूरा कर लौट चुकी है अब इंतजार आगे कार्रवाई पर टिकी हुई है। पुलिस के सीनियर अफसर जीपी सिंह के यहां गुरुवार सुबह से चली एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त छापामार कार्यवाही अब खत्म हो गई है। 10 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों का पता चला है। दो किलो सोने की पट्टी और 16 लाख रुपए नकद भी बरामद किए हैं। संपत्ति की गणना अभी भी जारी हैं इसलिए इसमें और बढ़ोत्तरी संभव है। इस काले पीले में साथ देने वालों बहुतों के नाम भी सामने आ गए हैं। जब्त डायरी को खंगाला जा रहा है। चूंकि एफआईआर हो चुकी है इसलिए कानूनी और विभागीय तौर पर क्या कार्रवाई कब तक होती है सब की नजर लगी हुई है।
बताया गया, जीपी सिंह और परिवार के सदस्यों ने रियल एस्टेट और माइनिंग से जुड़ी बहुराज्यीय कंपनियों से एक करोड़ से अधिक रकम अपने खातों में जमा कराया है। जीपी सिंह के खातों में रुपए जमा कराने वाली कंपनियों में मार्श कॉलोनाइजर, मार्श रीएटेक इंडिया प्रा.लि., ग्लोबल एसोसिएट्स, आरव सॉल्युशन, पारशिवर मैनेजमेंट कंसल्टेंट, फॉर्चुन मेटल लि. और क्रेस्ट स्टील एंड पावर कंपनी का नाम सामने आया है।
एसीबी की ओर से बताया गया, एक जुलाई की सुबह छह बजे से एडीजी जीपी सिंह के नेशनल हाईवे कॉलोनी स्थित सरकारी निवास के अलावा उनके सहयोगियों प्रीतपाल चण्डोक, मणि भूषण और सीए राजेश बाफना के रायपुर, राजनांदगांव व ओडिशा के बड़बील स्थित ग्लोबल एसोसिएट्स कंपनी के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू हुई। भारतीय स्टेट बैंक की सेजबहार शाखा के प्रबंधक और जीपी सिंह के मित्र मणिभूषण के एसबीआई अपार्टमेंट स्थित घर की तलाशी में जीपी सिंह से जुड़े बैंक दस्तावेज के अलावा एक-एक किलोग्राम सोने की दो पट्टियां मिलीं। इसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए आंकी गई है।
एसबीआई के मैनेजर मणिभूषण ने पूछताछ में बताया, सोने की यह पट्टी कुछ दिन पहले ही जीपी सिंह ने कुछ समय तक संभालकर रखने को दी थी। प्रीतपाल सिंह चंडोक के घर की तलाशी के दौरान उनके बेडरूम से 13 लाख रुपए नकद बरामद हुए। पूछताछ में पता चला कि यह रकम जीपी सिंह की है। 30 जून को आनन-फानन में इसे यहां रखवाया गया था। प्रीतपाल सिंह ने यह भी बताया, जीपी सिंह के पिता परमजीत सिंह ने कुछ वर्षों पूर्व उनको अपनी संपत्तियों के क्रय-विक्रय और रखरखाव के लिए पावर आॅफ अटॉर्नी भी दिया गया था। अभी वह कहां है यह प्रीतपाल ने नहीं बताया। जीपी सिंह के एक और सहयोगी चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश बाफना के राजनांदगांव स्थित ठिकानों पर तीन हजार से अधिक फाइलों की तलाश के बाद जीपी सिंह, उनकी पत्नी और बेटे के नाम पर बीमा संबंधी 79 दस्तावेज मिले हैं। इसमें जीपी सिंह के नाम पर 24, उनकी पत्नी के नाम पर 23 और बेटे के नाम पर 32 पॉलिसी हैं। तीन लाख रुपए नकद और 2 लाख रुपए मूल्य का आभूषण जीपी सिंह के घर से भी मिला है।
एसीबी के मुताबिक, छापे में जीपी सिंह परिवार के पास एक से अधिक एचयूएफ खाते मिले हैं। इनमें 64 लाख रुपए जमा होने की जानकारी मिली है। इस परिवार के सदस्यों के नाम पर अलग-अलग बैंकों में 17 खाते हैं। इनमें 60 लाख रुपए से अधिक जमा हैं। एक से अधिक पीपीएफ एकाउंट में भी 10 लाख रुपए की बात सामने आई है। डाकघर में 29 सावधि जमा खातों में 20 लाख रुपए से अधिक राशि जमा है। एजेंसी का कहना है कि इन खातों की संख्या बढ़ भी सकती है।
एजेंसी को जीपी सिंह के पिता द्वारा सोने के गहने बेचकर लाखों रुपए पाने संबंधी कई दस्तावेज मिले हैं। एसीबी को आशंका है कि यह काले धन को सफेद करने का खेल हो सकता है। जीपी सिंह और परिवार की छत्तीसगढ़ और दूसरे प्रदेशों में भूखंड, मकान और फ्लैट हैं। जीपी सिंह के नाम पर दो भूखंड और एक फ्लैट, पत्नी के नाम पर दो मकान, माता के नाम पर पांच भूखंड और एक मकान, पिता के नाम पर 10 भूखंड और 2 फ्लैट सहित ऐसी कुल 23 संपत्तियों का पता चला है।अभी तक की जानकारी के मुताबिक जीपी सिंह और उनके परिजनों के नाम पर 69 अवसरों पर शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश की बात सामने आई है। इसमें तीन करोड़ रुपए से अधिक का निवेश है।