नई दिल्ली
मोदी सरकार ने आज एक मंच से पाकिस्तान और चीन दोनों की ओर इशारों में सख्त संदेश दिया है। मौका कल से शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए भाजपा सांसदों को तैयार करने का था। इसमें देश की विदेश नीति पर मोदी सरकार के ऐक्शन की जानकारी देने विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद पहुंचे और उन्होंने बता दिया कि मौजूदा सरकार की सख्त नीतियों के सामने कैसे पाकिस्तान और चीन जैसे देश की चालबाजियां कुंद हो चुकी हैं। उन्होंने डोकलाम और लद्दाख में चीन की हरकतों का हवाला देते हुए कहा है कि अब दुनिया को पता चल चुका है कि ड्रैगन की गुस्ताखियां अब भारत नहीं सहने वाला है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में बने रहने का श्रेय रविवार को मोदी सरकार को दिया है और कहा है कि इसी की कोशिशों से यह सुनिश्चित हो सका है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार की वजह से ही आतंकवाद को दुनिया वैश्विक समस्या मान रही है, न कि ऐसी समस्या जो चंद देशों तक सीमित हों। उन्होंने कहा है कि ऐसे दो मौके आए हैं, जब मोदी सरकार चीन की चुनौतियों के सामने डटकर खड़ी रही है और दुनिया समझ गई है कि अब भारत, चीन के दबावों के सामने सरेंडर नहीं करेगा। विदेश मंत्री के स्तर पर इस तरह का बयान दोनों देशों को सीधा संदेश माना जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के लिए आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान सरकार की विदेश नीति को लेकर यह बातें कही हैं। यह प्रोग्राम सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के लिए विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए भाजपा सांसदों की सहायता के मकसद से आयोजित किया गया है। इस मौके पर विदेश मंत्री बोले, 'जैसा कि एफएटीएफ के बारे में आप जानते हैं कि यह आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगाता है और आतंकवाद के समर्थन में इस्तेमाल की जाने वाले काले धन पर नजर रखता है। हमारी वजह से पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी में है और इसे ग्रे लिस्ट में रखा गया है।'