सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को बगावत का खतरा!

नई दिल्ली,

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ बगावत हो सकती है. किंगडम के लोगों के बीच क्राउन प्रिंस को लेकर खासा नाराजगी है. सऊदी अरब के धर्मगुरु सलमान से नाराज चल रहे हैं. इसके अलावा, प्रिंस सलमान के परिवार में भी मतभेद चल रहे हैं. यही वजह है कि दो क्राउन प्रिंस अभी भी जेल में हैं.

क्राउन प्रिंस सऊदी अरब को आधुनिक बनाना चाहते हैं. लेकिन उनकी पहचान एक तानाशाह के रूप में होती है, क्योंकि वो देश के फैसले बिना समन्वय बनाए हुए ले रहे हैं. मोहम्मद बिन सलमान अपने देश में मौलाना पॉलिटिक्स को किनारे करना चाहते हैं. लेकिन साथ ही उनकी कोशिश है उनका एक छत्र राज चलता रहे. इसको लेकर किंगडम में कई राजनीतिक और धार्मिक पहल एक साथ हो रही हैं, जिससे देश में या तो उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन हो सकता है या 1979 में ईरान जैसा धर्मगुरुओं के नेतृत्व में क्रांति हो सकती है.

ईरान में 1979 सैय्यद रूहोल्लाह मुसावी खामनेई के नेतृत्व में इस्लामिक क्रांति हुई थी. इस क्रांति के बाद ईरान एक इस्लामिक देश बन गया और पहलवी राजवंश खत्म हो गया. सऊदी अरब की स्थापना 300 साल पहले हाउस ऑफ सौद राजवंश और वहाबी इस्लाम फैलाने वाले धर्मगुरु अब्दुल अल वहाब की दोस्ती के कारण हुई थी. हाउस ऑफ सौद ने इसे बतौर धार्मिक विचारधारा के रूप में अपनाया था. लेकिन उनके आधुनिकरण के कोशिश से धर्मगुरु उनके खिलाफ हो गए हैं. खबरों के मुताबिक मक्का और मदीना में कोविड की वजह से 2 मीटर के फासले का नियम है. लेकिन पिछले महीने सलमान के एक डांस फेस्टिवल आयोजित किया था जिसमें देश के 7 लाख लड़के और लड़कियों को डांस फेस्टिवल में शिरकत करने को कहा था.

 क्यों हैं धर्मगुरु नाराज?

दूसरी ओर, धर्मगुरु इसलिए नाराज हैं, क्योंकि उनसे समाज को चलाने की ताकत छीन ली गयी है. पहले इस्लाम को लागू करने के लिए बनी पुलिस उनके अंतर्गत होती थी. खाने पीने की जगह नमाज के लिए 5 बार बंद करवाई जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. लोग समाज बड़ी रफ्तार से हो रहे बदलाव को हजम नहीं कर पा रहा है. सऊदी में कभी भी आदमी और औरत शादी से पहले एक साथ खाना खाने बाहर नहीं जा सकते थे. लेकिन अब ऐसा हो सकता है. क्राउन प्रिंस का मानना है कि अगर सऊदी अरब ने दुबई जैसे कदम नहीं उठाए तो अगले 100 साल में वो भिखारी हो जाएंगे. नागरिकों को बड़ी मात्रा में दी जाने वाली सब्सिडी देना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन उनसे नफरत का सबसे बड़ा कारण है कि सलामन एक क्रूर तानाशाह हैं. सलमान को लगता है कि अमेरिका के समर्थन से उसका शासन चलता रहेगा. क्राउन प्रिंस को लगता है कि जब तक ईरान है, तब तक अमेरिका उन्हें समर्थन करता रहेगा.

आम लोग इसलिए क्राउन प्रिंस से खफा

पिछले 300 साल सऊदी अरब में लोगों को डट के आर्थिक सब्सिडी और विचारधारा में वहाबी इस्लाम की खुराक मिली है. इस वजह से वो अब इस सामाजिक फेरबदल के लिए तैयार नहीं है. यानी कि क्राउन प्रिंस के खिलाफ तीन गुट हैं. धर्मगुरु, उनका अपना राजघराना और आम समाज. राजघराना इसलिए नाराज है, क्योंकि प्रिंस सलमान ने अपने परिवार के अधिकतर लोगों को जेल में डाल रखा है. दो क्राउन प्रिंस अभी भी जेल में हैं. इनमें से कोई भी सऊदी के राजा से नहीं मिल पा रहा है.

राजघरानों के लोगों की पॉकेट मनी भी कम की गयी है. 2017 में प्रिंस सलमान ने राजघराने के 100 से ज्यादा लोगों को एक होटल में बंद कर भ्रष्टाचार का केस चलाया था. यानी जिस जिंदगी की आदत इन लोगों को पिछले 300 साल से थी वो खत्म हो रही हैं.