भोपाल
मध्यप्रदेश का शहडोल संभाग मुख्यालय प्रदेश का पहला ऐसा संभाग मुख्यालय हो गया है जो पूर्णत: कोविड वेक्सीनेट हो गया है। यहां अठारह वर्ष से उपर के प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना वेक्सीन लग चुका है।
शहडोल संभाग मुख्यालय को कोरोना वेक्सीनेशन में प्रदेश का सबसे पहला संभाग मुख्यालय बनाए जाने में यहां के कमिश्नर राजीव शर्मा और जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग,महिला बाल विकास विभाग,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग,स्वयंसेवी संस्थाओं,मीडिया और आमजन की सहभागिता का अहम रोल रहा है। शहडोल संभाग की कई पंचायतें, नगर पंचायत और नगर पालिकाएं भी शत-प्रतिशत वेक्सीनेट हो चुकी है।
संभागायुक्त राजीव शर्मा ने संभाग मुख्यालय को पूर्णत: वेक्सीनेट करने के लिए सरकारी मशनरी के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं,जनप्रतिनिधियों और आमजन का सहयोग लिया। शहडोल के हर वार्ड में टीम बनाई गई। ऐसे परिवारों, घरों को चिन्हित किया गया जहां लोगों ने वेक्सीन नहीं लगवाया था। उन्हें वेक्सीनेशन सेंटर तक आने के लिए प्रेरित किया गया। मोबाइल टीमें भेजकर भी वेक्सीनेशन कराया गया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर वेक्सीन लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया और वेक्सीन लगवाई। शहर में वेक्सीन लगवाने वालों लोगों को व्यापारिक संस्थानों के जरिए उपहार और रियायत देने जैसी योजनाएं भी संचालित की गई। इसका असर यह हुआ कि शहडोल संभाग मुख्यालय के कुल 39 वार्डो में रहने वाले 57 हजार 834 लोगों को कोरोना वेक्सीन लग चुका है।
संभाग से बाहर रहने वाले 1953 लोग टीकाकरण से बचे हुए है। कोविड पॉजीटिव हुए 820 लोग वेक्सीनेशन से बचे है। उनकी तय समयावधि पूरी होंने के बाद उन्हें भी टीका लगाया जाएगा। 820 महिलाओं को गर्भवती होंने के कारण टीका नहीं लगा है। इन्हें भी बच्चों के जन्म के बाद टीका लगाया जाएगा। इसके अलावा 595 लोगों की मौत हो चुकी है जिन्हें वैक्सीन नहीं लगा था।