वैक्सीन की कमी: कब सुधरेंगे हालात शपथ पत्र देकर बताए सरकार

बिलासपुर। राज्य में वैक्सीन की कमी को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चल सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि राज्य में हालात कब तक सुधरेंगें और सुधार की दिशा में सरकार ने क्या कार्रवाई कर रही है। इसी के साथ न्यायालय ने सरकार से यह भी पूछा है कि वैक्सीन की कमी पर राज्य सरकार ने कोई कदम उठाया भी या नहीं केवल केन्द्र सरकार के भरोसे ही बैठी है। इस मामले में आगे की  सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील हिमांशु सिन्हा ने कोर्ट को बताया की देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ?े लगे हैं। वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ में पिछले 6 दिनों से टीकाकरण बंद है। राज्य में 75 वैक्सीनेश सरकारी केंद्र और 25 प्राइवेट अस्पतालों में चल रहे हैं। वैक्सीन नहीं होने से सरकारी केंद्र बंद है, पर प्राइवेट में जारी है। उन्होंने कहा कि क्या जानबूझकर प्राइवेट अस्पतालों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इससे पहले 24 जून को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में अधिवक्ता सिद्धार्थ आर. गुप्ता ने मामले में पैरवी करते हुए बताया था की राज्य शासन ने अब तक यह जानकारी नहीं दी है कि कितने लोगों को तीसरी लहर से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीन लगा चुके हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि सरकार आंकड़े पेश करे कि कितने लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और कितने लोग बाकी हैं। इसको लेकर अगली सुनवाई यानी 13 जुलाई तक जवाब पेश करना था।
दरअसल, हाईकोर्ट के वकील शैलेंद्र दुबे की ओर 25 मई को याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में वैक्सीन की पूर्ति करने के लिए देश में केवल दो कंपनियां काम कर रही हैं। इसकी वजह से कई राज्यों को वैक्सीन की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान रोकना पड़ा है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक जैसे राज्यों ने वैक्सीन की कमी को देखते हुए ग्लोबल टेंडर जारी किया है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार को भी टेंडर जारी करना चाहिए।