बिलासपुर
अस्थि रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर जशपुर के आदेश पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता चिकित्सक ने अपनी याचिका में सेवा नियमों और संवर्ग में दिए गए प्रावधान का हवाला देते हुए अपनी बात रखी थी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि वर्ग एक संवर्ग के अधिकारी का तबादला आदेश जारी करने का अधिकार कलेक्टर को नहीं है। यह राज्य शासन का मामला है। शासन स्तर पर ही स्थानांतरण व पदस्थापना आदेश जारी किया जा सकता है।
अस्थिरोग विशेषज्ञ डा. अनुरंजन टोप्पो ने वकील नेल्सन पन्न व इशान वर्मा के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि जशपुर जिला अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ हैं। कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर डा.टोप्पो का तबालदा जशपुर जिला मुख्यालय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहहार कर दिया। याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य शासन ने उनकी प्रारंभिक नियुक्ति मेडिकल अफसर (वर्ग-दो) के पद पर वर्ष 2006 को की थी। वर्ष 2020 को शासन ने उनकी पदोन्न्ति मेडिकल अफसर (वर्ग-दो) से अस्थिरोग विशेषज्ञ (वर्ग एक) के पद पर करते हुए पदस्थापना आदेश जारी किया था।
कलेक्टर जशपुर ने 31 मई 2021 को तबादला आदेश जारी करते हुए डा.टोप्पो को जिला अस्पताल जशपुर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार कर दिया। याचिकाकर्ता ने शासन द्वारा तय प्राविधानों का हवाला देते हुए कहा कि वह वर्तमान में राजपत्रित अधिकारी (वर्ग एक) संवर्ग में पदस्थ है और कलेक्टर जशपुर के अधिकारिता क्षेत्र के बाहर है। याचिकाकर्ता ने नियमों का उल्लेख करत हुए कहा कि किसी राजपत्रित अधिकारी का तबादला आदेश जारी करने का अधिकार कलेक्टर को नहीं है। यह राज्य शासन का विषय है। शासन ही राजपत्रित अधिकारी वर्ग का तबादला या पदस्थापना आदेश जारी कर सकता है। शासन के नियमों को मानने की बाध्यता भी है। मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी के सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद जस्टिस कोशी ने कलेक्टर द्वारा जारी तबादला आदेश पर रोक लगा दिया है। साथ ही राज्य शासन व कलेक्टर जशपुर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।