रिटायर्ड जजों को अर्दली भत्ता तीन गुना देगी सरकार

भोपाल
प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों और रिटायर्ड आईएएस अफसरों पर मेहरबान है। जहां एक ओर रिटायर्ड आईएएस अफसरों और जजों को विभिन्न संस्थानों में तैनात कर मोटा वेतन- भत्ते और सुविधाएं दी जा रही है वहीं  रिटायर्ड जजों को दिया जाने वाला अर्दली भत्ता सरकार ने तीन गुना बढ़ा दिया है।

अभी तक मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को हर माह छह हजार रुपए अर्दली भत्ता दिया जाता था। वहीं हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को सेवानिवृत्ति के बाद अर्दली भत्ता पांच हजार रुपए दिया जाता है। इसकी जगह अब रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों को अब अर्दली भत्ता वर्तमान में उच्च न्यायालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को देय न्यूनतम वेतन 17 हजार 360 रुपए कर दिया गया है।  

अब हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों को अपने पूर्व अर्दली भत्ते से तीन गुना अधिक अर्दली भत्ता दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए है और इसी हिसाब से न्यायाधीशों को अब पेंशन के साथ अर्दली भत्ते का भुगतान भी किया जाएगा। इस भत्ते में मूल वेतन के साथ डीए की राशि भी शामिल है। राज्य के कर्मचारियों को दिए जाने वाले डीए के अनुसार ही डीए अर्दली के लिए दिया जाएगा।

राज्य सरकार आईएएस अफसरों को रिटायरमेंट के बाद भी नियुक्ति करके उनका पुनर्वास करने में लगी हुई है। राज्य निर्वाचन आयोग में रिटायर्ड मुख्य सचिव बीपी सिंह को आयुक्त बनाया गया है। वहीं विद्युत नियामक आयोग में एससीएस परिहार की तैनाती की गई है। हाल ही में रिटायर्ड आईएएस अरुण भट्ट को सिया का अध्यक्ष बनाया गया है। सुशासन एवं नीति विश्लेषण स्कूल में भी रिटायर्ड आईएएस की तैनाती की तैयारी है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, उपभोक्ता आयोग, भमि सुधार आयोग सहित कई संस्थानों पर रिटायर्ड आईएएस अफसरों का पुर्नवास कर उन्हें भारी-भरकम वेतन, भत्ते, वाहन, अर्दली और अन्य सुविधाएं दी जा रही है।