नई दिल्ली
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से लगातार योगगुरू रामदेव पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखने के बाद आईएमए ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है। आईएमए ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, "वैक्सीनेशन पर पतंजलि के मालिक रामदेव के गलत सूचनाएं देने वाले अभियान को रोका जाना चाहिए। जैसा कि एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद 10,000 डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए। रामदेव ने आखिर ऐसा कैसे कह दिया। इसके लिए रामदेव पर देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।" आईएमए ने आज सुबह ही रामदेव को 1000 करोड़ रु. का मानहानि नोटिस भी भेजा था। जिसमें कहा गया कि, रामदेव अपने किए की लिखित में माफी मांगें।
नोटिस में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (उत्तरांचल ब्रांच) ने लिखा, "यदि रामदेव अपने द्वारा दिए गए बयानों का विरोध करने वाला वीडियो पोस्ट नहीं करते और अगले 15 दिनों के भीतर लिखित में माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपए की मांग की जाएगी।'' इससे एक दिन पहले आईएमए के पत्र में रामदेव के एलोपैथिक चिकित्सा पेशे और चिकित्साकर्मियों के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर आपत्ति जताई गई थी। पत्र में कहा गया था कि, महामारी वाले संकट के इस दौर में रामदेव ने डॉक्टरों के कर्तव्य को धता बताते हुए उनका मजाक उड़ाया। रामदेव ने जो किया है, उसके लिए उन पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। यह पत्र सीधे उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत को लिखा गया।