राज्य-गीत अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार के मानकीकरण को किया गया है जनसंपर्क एवं सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट में अपलोड

रायपुर।
राज्य-गीत अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार का मानकीकरण किया गया है। इसे जनसंपर्क एवं सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट डीपीआरसीजी डॉट जीओवी डॉट इन में अपलोड किया गया है। डॉ. नरेंद्र देव वर्मा द्वारा लिखित इस राज्य गीत का विभिन्न शासकीय, सार्वजनिक और अन्य कार्यक्रमों में उपयोग किया जा सकता है। राज्य गीत के मानकीकरण की अवधि 1 मिनट 15 सेंकड है। मानकीकरण पश्चात् गाये जाने वाले राज्य-गीत निम्नानुसार है-

अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइँया।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरियर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया।।
( महूँ, पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।)