रायपुर। राजधानी रायपुर के सायक्लिस्ट 53 वर्षीय इंद्रसेन अग्रवाल यूथ हॉस्टल इंडिया के द्वारा आयोजित की जाने वाली 13 दिवसीय रोमांचक सायकल यात्रा पर जाने के लिए कल रायपुर से नई दिल्ली के लिए नियमित विमान से रवाना होंगे और वहां से बस के द्वारा मनाली पहुंचेंगे, जहां दो दिनों की ट्रेनिंग के बाद बेस कैंप से मरही के लिए 49 किलोमीटर की चढ़ाई कर समुद्र तल से 3360 मीटर के उंचाई पर पहुंचेंगे और वहां से 13 दिनों तक सायकिल चलाते हुए लेह पहुंचेंगे और वहां भारत की सबसे ऊंची सड़क जो कि 18,380 फिट ऊंची है, वहां सायकल चलाते हुए पहुंचना हैं। इंद्रसेन अग्रवाल स्थानीय सायकल क्लब टूर द रायपुर के सदस्य हैं और क्लब के सभी दोस्तों और सायकल मित्रों ने उनके इस रोमांचक यात्रा के लिए शुभकानाएं दी हैं।
53 वर्षीय इंद्रसेन अग्रवाल, यूथ हॉस्टल इंडिया के द्वारा आयोजित की जाने वाली 13 दिवसीय रोमांचक सायकल यात्रा पर दिनांक नौ जुलाई को रायपुर से दिल्ली नियमित विमान सेवा से रवाना होने जा रहे हैं। वे दिल्ली से बस से मनाली स्थित यूथ हॉस्टल के बेस कैंप पहुंचेंगे। मनाली से दो दिन की ट्रेनिंग के बाद सभी प्रतिभागी बेस कैंप से मरही के लिए 49 किलोमीटर की चढ़ाई कर समुद्र तल से 3360 मीटर के उंचाई पर पहुंचेंगे। इस तरह आगे शिशु, जिप्सा, जिंग जिंग बार, सरचु, विस्कीनाला, बारालाचाला, पेंग, ढेबरिंग, रूमस्ते, तंगलांगला होते हुए 13 दिनों में लेह पहुंचेंगे। वहां से भारत की सबसे ऊंची सड़क जो कि 18,380 फिट ऊंची है, वहां सायकल चलाते हुए पहुंचने का टास्क है।
उल्लेखनीय है कि इंद्रसेन अग्रवाल इसके पहले केशकाल घाटी, बिलासपुर के पास चैतुरगढ़, और पिथौरा तक सायकल से यात्रा कर चुके हैं। इस रोमांचक साइकिल यात्रा के मार्ग में जहां कई सुंदर प्राकृतिक नजारे देखने को मिलेंगे। वहीं, दुर्गम रास्ते में साइकिल चलाने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना भी बहुत जरूरी है। ऐसी यात्रा में जाने से पहले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे पहले साइकिलिंग की लंबी प्रैक्टिस करें और साहसिक या लंबी यात्रा पर निकलने से पहले डॉक्टर से अच्छी तरह शारीरिक जांच करा लें, ताकि रास्ते में कोई परेशानी न हो।