रायपुर,
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति दूधाधारी मठ द्वारा आयोजित राजधानी रायपुर के रावणभाठा-टिकरापारा के दशहरा उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर भगवान श्री राम-लक्ष्मण और भगवान श्री बालाजी की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान रावणभाठा मैदान के सौन्दर्यीकरण तथा विकास के लिए स्वीकृत एक करोड़ रूपए की राशि के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने दशहरा उत्सव में शामिल होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि दूधाधारी मठ द्वारा आयोजित यह उत्सव छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन दशहरा उत्सव में माना जाता है। इसके लिए उन्होंने संरक्षक राजे महंत डॉ. रामसुन्दर दास तथा अध्यक्ष मनोज वर्मा सहित पूरे आयोजन समिति की सराहना की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अधर्म  पर धर्म की जीत का पर्व है। यह पर्व हमें अपने अहंकार तथा बुराई को समाप्त कर अच्छाई तथा सत्य की राह पर चलने की सीख देता है। जब तक हमारे समाज, आस-पास तथा स्वयं में जो बुराई है वह समाप्त नहीं होगी तब तक हम और हमारा समाज आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए समाज में अहंकार, बुराई तथा असत्य के प्रतीक रावण का नाश जरूरी है, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे।
पर धर्म की जीत का पर्व है। यह पर्व हमें अपने अहंकार तथा बुराई को समाप्त कर अच्छाई तथा सत्य की राह पर चलने की सीख देता है। जब तक हमारे समाज, आस-पास तथा स्वयं में जो बुराई है वह समाप्त नहीं होगी तब तक हम और हमारा समाज आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए समाज में अहंकार, बुराई तथा असत्य के प्रतीक रावण का नाश जरूरी है, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे।
रावणभाठा मैदान के सौन्दर्यीकरण के लिए एक करोड़ रूपए की राशि के विकास कार्यों का किया भूमिपूजन मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि रावणभाठा में आयोजित दशहरा उत्सव की छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन दशहरा उत्सव के रूप में विशिष्ट ख्याति और पहचान है। उन्होंने बताया कि राजधानी रायपुर में नागपुर के भोसले वंश के शासन काल से लगभग 400 वर्ष से अब तक यहां दशहरा उत्सव उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है। दशहरा उत्सव कार्यक्रम में खाद्य तथा संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, सांसद सुनील सोनी, नगरपालिक निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर सहित पार्षद तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चरौदा,कुम्हारी और भिलाई 3 में लिया दशहरा उत्सव में हिस्सा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज भिलाई 3, कुम्हारी एवं चरौदा में विजयादशमी के अवसर पर शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरा असत्य पर सत्य की, बुराई पर अच्छाई की, अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चरौदा में कहा कि छत्तीसगढ़ अंचल पुण्य भूमि है यह भगवान राम का ननिहाल है इस तरह भगवान राम अंचल के भांजे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल हम विजयादशमी के अवसर पर यहां जुटते हैं। सुंदर परंपरा को निभाते हैं अपने मन में अच्छे संकल्प लेते हैं। आप सब वर्षों से इस परंपरा को निभाते आए हैं। हमारी परंपरा हमारी शक्ति है। विजयादशमी का पर्व हमें याद दिलाता हैं कि हमें निरंतर सत्य का सम्मान करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भगवान राम एवं सीता की अर्चना की। साथ ही उन्होंने समिति के पदाधिकारियों से चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि हर साल आप लोग दशहरे का यह सुंदर पर्व मनाते हैं लोग यहां जुटते हैं दशहरे का यह पर्व हमें बहुत उल्लास से भर देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कौशल्या मां के मंदिर के परिसर का विस्तार भी किया गया है तथा यहां सौंदर्यीकरण का भी कार्य किया गया है। भगवान राम श्री आदर्श हम सब के आदर्श हैं और हमारा सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ की पुण्य भूमि भगवान राम का ननिहाल रही है। दशहरा का यह पर्व हमें शुभ संकल्पों के साथ निरंतर बेहतर कार्य करने प्रेरित करता है।
 भगवान राम श्री आदर्श हम सब के आदर्श हैं और हमारा सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ की पुण्य भूमि भगवान राम का ननिहाल रही है। दशहरा का यह पर्व हमें शुभ संकल्पों के साथ निरंतर बेहतर कार्य करने प्रेरित करता है।
भिलाई 3 में भी लिया हिस्सा- भिलाई 3 में भी मुख्यमंत्री विजयादशमी पर्व के अवसर पर शामिल हुए और नागरिकों को पर्व की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि असत्य पर सत्य की जीत का यह पर्व हमें शुभ संकल्पों की याद दिलाता है। साथ ही हमें यह भी याद दिलाता है कि निरंतर शुभ आदर्शों पर चलते रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम का ननिहाल कौशल प्रदेश रहा है इस प्रदेश से रामकथा की बहुत सुंदर स्मृतियां जुड़ी है। राम कथा से जुड़ी इन स्मृतियों को संजोए रखने के लिए छत्तीसगढ़ शासन विशेष रूप से प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि कौशल्या माता मंदिर का सौंदर्यीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना की वजह से पर्व का उत्साह थोड़ा फीका रहा था इस बार पर्व का उत्साह पिछले साल की तुलना में ज्यादा लग रहा है। मैं आप सभी को दशहरा पर्व की बधाई देता हूँ तथा कामना करता हूं कि यह पर्व आपके जीवन में खुशहाली लाए।
 
            

