मुख्यमंत्री ने हसदेव अरण्य क्षेत्र के लोगों से की मुलाकात, लेमरू एलीफेंट रिजर्व का क्षेत्र 1995 वर्ग किलोमीटर से कम नहीं होगा

रायपुर,

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में हसदेव अरण्य क्षेत्र सरगुजा से पदयात्रा कर रायपुर आए लोगों से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले भी आदिवासियों के साथ खड़ी है। आज भी खड़ी है और आगे भी आदिवासियों के साथ खड़ी रहेगी। WhatsApp Image 2021 10 14 at 7.48.45 PM

बघेल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए 452 वर्ग किलोमीटर का नोटिफिकेशन जारी किया गया है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 1995 वर्ग किलोमीटर करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि 1995 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में उस क्षेत्र के सभी कोल ब्लॉक के एरिया आ गए हैं। लेमरू एलीफेंट रिजर्व का क्षेत्र 1995 वर्ग किलोमीटर से कम नहीं होगा। हसदेव अरण्य क्षेत्र के लोगों से मिली सभी शिकायतों का जल्द परीक्षण कराया जाएगा।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने हसदेव अरण्य क्षेत्र से आए लोगों को बताया कि हाथी प्रोजेक्ट के अंतर्गत सेमरसोत, बादलखोल, तमोर पिंगला, अभ्यारण बनाए गए हैं। इसके अलावा लेमरू हाथी रिजर्व भी बनाया जाना है। पिछली सरकार ने वर्ष लेमरू हाथी रिजर्व के लिए 2007 में 452 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र तय किया था। वर्ष 2007 से 2018 तक इस पर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। दिसम्बर 2018 में नई सरकार के गठन के बाद लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए पुनः सर्वे कराया गया। एलीफेंट रिजर्व का क्षेत्र 452 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर 1995 वर्ग किलोमीटर किया गया। इस पर मंत्रीमंडल की सैद्धांतिक सहमति भी बनी। उन्होंने कहा कि लेमरू एलीफेंट रिजर्व का क्षेत्रफल 1995 वर्ग किलोमीटर करने के संबंध में भारत सरकार को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अनुमति मिलने की प्रत्याशा में प्रस्ताव भेजा गया है।  अकबर ने कहा कि जहां तक परसा कोल ब्लॉक के संबंध में ग्रामसभा से नियम विरूद्ध प्रस्ताव और इस कार्य से जुड़े अधिकारियों पर कार्रवाई जांच का विषय है। जांच के बाद ही इस पर कार्रवाई करना संभव है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन भी उपस्थित थे।