भोपाल
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में कोई वेदर सिस्टम नहीं डेवलप होने से मध्यप्रदेश में मानसून शिथिल पड़ गया है। मानसून ट्रफ भी हिमालय की तराई की तरफ खिसक गया है। इससे प्रदेश में तेज बौछारें पड़ने के आसार नहीं हैं। वातावरण में नमी लगातार कम होने से अब मौसम साफ होने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में हवा का रुख दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। इससे हवाओं के साथ आ रही नमी से कुछ बादल बन रहे हैं। इससे कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं।
अगले 24 घंटों के बारे में मौसम विभाग का अनुमान है कि आसमान में हल्के बादल छाये रहेंगे और शाम को लोकल सिस्टम डेवलप होने से कहीं हल्की बौछार पड़ सकती है। फिलहाल तेज बारिश के आसार नहीं हैं। शहर का अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है।
राजधानी में इस बार मानसून की बेरुखी से अब आगामी 15 जुलाई से होने वाले प्लान्टेशन के प्रोग्राम को आगे बढ़ा दिया है। वन विभाग पहले अच्छी बारिश के 15 दिनों के बाद पौधरोपरण करता लेकिन वह इसकी जगह पर पिछले साल जुलाई से अगस्त के बीच रोपे गए पौधों का सर्वे करवा रहा है। इन पौधों में जो मृत हो गए होंगे, उनकी जगह फिर से पौधरोपण किया जाएगा। इस तरह कैजुअल्टी पौधरोपण करने से पौधों के जीवित रहने की दर बढ़ जाएगी।
पिछले साल हरित भोपाल, शीतल भोपाल, अभियान के तहत वन विभाग ने दो जुलाई से 15 अगस्त के बीच वन विभाग ने तीन लाख से अधिक पौधे लगाए थे। जो अभियान में शामिल सभी विभागों में सबसे ज्यादा थे। अब वन विभाग सभी पौधरोपण की जांच करके यह पता लगवा रहा है कि पिछले डेढ़ साल में कितने पौधों ने दम तोड़ा। कैजुअल्टी का पता लगते ही जल्द ही इन जगहों पर कैजुअल्टी पौधरोपण कराया जाए।
वन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि प्राकृतिक एवं अन्य कारणों से 10 से 15 फीसदी पौधे मृत हो गए होंगे। यदि इनकी जगह भी पौधरोपण किया जाता है तो विभाग को 30 से 40 हजार पौधे फिर से रोपने होंगे जिससे बड़ी संख्या में पौधरोपण होगा। वन विभाग के – हरिशंकर मिश्रा, डीएफओ का कहना है कि इस वर्ष अभियान के तहत रिकार्ड पौधे लगाने की तैयारी है। हर साल कुछ पौधे मृत होते हैं, ऐसे पौधों का पता लगाया जा रहा है, इनकी जगह पर कैजुअल्टी पौधरोपण किया जाएगा।