मुरैना
केन्द्रीय कृषि, किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण, पंचायत और ग्रामीण विकास एवं मुरैना-श्योपुर के सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन देश के गरीब किसानों की गरीबी दूर करने का मिशन साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में तकरीबन 100 हनी कलस्टर बनाये जायेंगे और नाफेड जैसी एजेन्सियांें की मदद से मधुमक्खी पालन के 100 एफपीओ भी बनाये जायेंगे।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर गुरूवार को ग्राम देवरी में शहद प्रसंस्करण यूनिट की आधारशिला कार्यक्रम को मुख्य अतिथि बतौर संबोधित कर रहे थे।
नेशनल एग्रीकल्चरल काॅपरेटिव मार्केेटिंग फेडरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड नाफेड ने अपनी स्थापना के बाद से ही किसानों को कृषि उत्पादन एवं विपणन में सहायता और तकनिकी परामर्श देने का कार्य बखूबी किया है और अब कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा बनाये जाने वाले 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन के अन्तर्गत नाफेड द्वारा अपनी संबद्ध संस्था इंडियन सोसायटी आॅफ एग्रीबिजेनस प्रोफेशनल्स के सहयोग से मुरैना जिले में मधुमक्खी पालकों का किसान उत्पादक संगठन बनवाया गया है। मधुमक्खी पालकों के एफपीओ को बाजार तक अपनी बेहतर पहुंच बनाने में कई तरह की तकनिकी सहायता की भी आवश्यकता होती है। इसलिये भारत सरकार द्वारा ये भी सुनिश्चित किया गया है कि इन एफपीओ को शहद संग्रह केन्द्र और प्रसंस्करण इकाई की भी सुविधा प्रदान की जाये। जिससे इस एफपीओ से जुड़े मधुमक्खी पालकों की आजीविका तेजी से बढ़ सके एवं शुद्ध शहद भी बाजार के जरिये केवल भारतीय उपभोक्ताओं को ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लोगों तक पहुंच सके।
इसी कड़ी में मुरैना जिले में बने मधुमक्खी पालकों के एफपीओ चंबल फेड शहद उत्पादक सहकारी समिति मर्यादा के लिये मुरैना जिले के देवरी गांव में एक शहद प्रसंस्करण इकाई की आधारशिला रखी गई। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री एवं मुरैना-श्योपुर के सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर, जिला पंचायत की अध्यक्षमती गीता हर्षाना, जौरा विधायक सूबेदार सिंह रजौधा, जिला भाजपा अध्यक्ष योगेशपाल गुप्ता, पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर, रघुराज सिंह कंषाना, नेफेड के एमडी संजीव कुमार चड्डा, ज्वाॅइंट सेकेरट्री रामवीर सिंह उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि मंत्रालय ने तय किया है कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन के अन्तर्गत भारतवर्ष में तकरीबन 100 हनी क्लस्टर बनाये जायेंगे और इनमें नाफेड जैसी एजेन्सियांे की मदद से मधुमक्खी पालकों के 100 एफपीओ भी बनाये जायें। बड़ी संख्या में बनने वाले इन सभी एफपीओ को संग्रह, प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण और विपणन के लिये आधारभूत संरचना प्रदान करने में सरकार द्वारा इनकी सहायता की जायेगी। जिससे प्रवासी मधुमक्खी पालक भी अपनी मधुमक्खी काॅलोनियों को जहां भी ले गये है, वहां पर ही अपना शहद बेच सकेंगे। मंत्री तोमर ने कहा कि सब जानते है कि हमारे किसान देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देते है। उनके श्रम का सम्मान करने के लिये एवं उनकी आय में निरंतर वृद्धि के लिये हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है। जैसा कि हम सभी जानते है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। हमारी सरकार किसान और कृषि को आगे बढ़ाने के लिये एवं किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में उन्हें समृद्ध बनाने का प्लान क्रियान्वित कर चुकी है। जिसके तहत अब कृषि कार्य से किसी भी खाद्य सामग्री का उत्पादन करने वाले कृषक एक कंपनी बनाकर किसान उत्पादक संगठन बनाकर खुद अपने उत्पाद का संपूर्ण प्रबंधन एवं व्यापार कर सकते है।
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने अपने संबोधन मंे ब्लाॅकवासियों एवं मधुमक्खी पालकों के इस एफपीओ से जुड़े सभी हितग्राहियों को अग्रिम शुभकामनायें दी एवं उन्हें आश्वासन दिया कि भविष्य में भी सरकार की ओर से उन्हें हर संभव सुविधायें उपलब्ध करवाई जायेंगी।
उन्होंने मध्यप्रदेश के अलावा भारत के अन्य राज्यों जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश में नाफेड के सहयोग से बने मधुमक्खी पालकों के किसान उत्पादक संगठनों के सदस्यों को अपनी शुभकामनायें दी एवं जल्द ही वहां भी इसी तरह की इकाई खोले जाने का संदेश दिया। इन पांचों शहद उत्पादक संगठनों से जुड़े करीब चार से पांच हजार शहद उत्पादकों को इस परियोजना से सीधा लाभ पहुंचेगा। इन शहद उत्पादकों द्वारा निकाला गया करीब 60 हजार क्विंटल शहद अब उनके स्वयं के द्वारा ही प्रोसेस करके नाफेड के सहयोग से सीधा उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जायेगा, जिससे इन मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि होना निश्चित है। शहद उत्पादन के साथ ही साथ इन शहद उत्पादकों के समग्र विकास के लिये तकनीकी जानकारी एवं इनके उत्पाद के निर्यात को भी इस परियोजना के अन्तर्गत सुनिश्चित करवाया गया है। किसानों की इन कंपनियों से निर्मित शहद को अच्छा बाजार मिल सके, इसकी भी पूरी व्यवस्था मंत्रालय एवं नाफेड के अधिकारी सुनिश्चित करेंगे।
मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जब यह कहा कि किसान की आमदनी दोगुनी होनी चाहिए तो यह नारा नहीं है। नरेंद्र मोदी जी ने जब आह्वान किया कि किसान की आमदनी दोगुनी होनी चाहिए तो अपनी सरकार के आचरण में भी योजनाओं के माध्यम से उस काम को प्रारंभ किया, उसके लिए 2006 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और 1999 में अटल बिहारी प्रधानमंत्री थे, तब अटल जी ने शुरूआत की थी कि कृषि में बदलाव कैसे लाया जाए और इसलिये उन्होंने स्वामीनाथन के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई स्वामीनाथन साहब ने देशभर में घूमघूम कर लोगों से विचार विमर्ष किया और उन्होंने अपने २०१ रिक्मंनडेशन भारत सरकार भारत सरकार को २००६ में सौंपी यूपीए गवर्नमेंट के पास ये अवसार था कि वह कृषि सुधार भी ला सकते थे और इसका श्रेय ले सकते थे लेकिन बिचैलियों के दबाव में उस समय ऐसा नहीं हो सका। अब प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में किसानों के हितों में कृषि कानून बना है, जो किसानों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन में सार्थक साबित होगा।
इनकी रही उपस्थिति
आधारशिला कार्यक्रम में एमडी फीफा, एएमडी नेफेड पंकज प्रसाद, सचिव-कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण, कृषि आयुक्त डॉ. एसके मल्होत्रा, जिला पंचायत की अध्यक्षामती गीता इंदर सिंह हर्षाना, सुमावली विधायक अजब सिंह कुशवाह, जौरा विधायक सूबेदार सिंह रजौधा, भाजपा जिलाध्यक्ष योगेशपाल गुप्ता, पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर, रघुराज ंिसंह कंषाना, कलेक्टर बी. कार्तिकेयन, पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार, एडीएम नरोत्तम भार्गव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे। कार्यक्रम में कृषि विभाग, नेफेड एवं आइसेप के अधिकारीगण भी उपस्थित थे।