भारत को जल्द मिलेगी हार्पून मिसाइल

वॉशिंगटन/नई दिल्ली
अमेरिका और भारत में समुद्र में महाविध्वंसक माने जाने वाले एंटी-शिप हार्पून मिसाइल देने के लिए करार हो गया है। अमेरिका ने हार्पून ज्वाइंट कॉमन टेस्ट सेट यानि जेसीटीएस और उससे जुड़े तमाम उपकरण भारत को देने पर महमति जता दी है। भारत और अमेरिका के बीच ये डील 82 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानि 6 अरब डॉलर से कुछ ज्यादा रुपयों में हुआ है। हार्पून एंटी शिप मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिका के अलावा इजरायल भी करता है। माना जाता है समुद्र के अंदर ये काफी ज्यादा विध्वंसक मिसाइल और एक झटके में बड़े से बड़े जहाज को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर सकता है। 

भारत-अमेरिका में करार अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भारत के साथ हुए इस करार की पुष्टि कर दी है। पेंटागन की रक्षा सुरक्षा एजेंसी यानि डीएससीए ने अमेरिकी कांग्रेस को भी भारत के साथ हार्पून मिसाइल को लेकर हुए इस करार की जानकारी दे दी है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ हुए इस करार को लेकर कहा है कि प्रस्तावित सैन्य बिक्री से भारत को वर्तमान और भविष्य में सामने आने वाले खतरों से निपटने में मदद मिलेगी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक हार्पून मिसाइल दुनिया की सबसे कामयाब एंटी शिप मिसाइल है और अमेरिका के सहयोगी 30 से ज्यादा देशों की सेना के साथ जुड़ा हुआ है। 

भारत ने जताई थी इच्छा रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने अमेरिका से हार्पून ज्वाइंट कॉमन टेस्ट सेट यानि जेसीटीएस खरीदने की इच्छा जताई थी और अब इस डील पर दोनों देशों के बीच करार हो गया है। इस करार में हार्पून इंटरमीडिएट स्तर तक का रखरखाव भी शामिल है। आपको बता दें कि जून 2016 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका का दौरा किया था, उस वक्त अमेरिका ने भारत को अपने प्रमुख रक्षा भागीदार के तौर पर मान्यता दी थी, जिसके तहत भारत अमेरिका के उन निकटतम रक्षा भागीदारों में शामिल हो गया था, जिसके साथ अमेरिका रक्षा टेक्नोलॉजी साझा करता है। माना जा रहा है कि इस डील के बाद भारत, जो विश्व की टॉप-5 नेवी में शामिल है, उसकी समुद्री शक्ति में काफी ज्यादा इजाफा हो जाएगा।