रायपुर
बढ़ते कदम 12 वर्षों में 52 बुजुर्गों की घर वापसी, 24 बुजुर्गों की मृत्युपर्यन्त सेवा कोटा रोड, गुढियारी स्थित संजीवनी वृद्धाश्रम में जहाॅं 30 बुजुर्गों के रहने की व्यवस्था है | बारह वर्षों में 52 बुजुर्गों की घर वापसी व 24 बुजुर्गों की मृत्यु पर्यन्त सेवा के सफर को किराए के भवन में पूरा करने के पष्चात अंवति विहार स्थित स्वयं के भवन आनंद आश्रम में दिनांक 12 सितंबर रविवार को स्थानांतरित होगा। एश्वर्या एम्पायर के पास, सूरज नगर, अंवति विहार स्थित नये भवन आनन्द आश्रम का लोकार्पण पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ के नवम पीठाधीश संत श्री युद्धिष्ठिर लालजी के करकमलो से रविवार को दोपहर 12 बजे होगा। लंबे समय तक राजधानी में नए वृद्धाश्रम की स्थापना न होने के कारण आश्रम में नए प्रवेष लेने वालो को समस्या आ रही थी। इन समस्याओं को देखते हुए बढ़ते कदम ने अंवति विहार में 10 हजार स्केवयर फीट में 60 बुजुर्गों के रहने योग्य तीन मंजिला भवन का निर्माण कराया है। वृद्धाश्रम के प्रभारीयों ने जानकारी दी कि इस वृद्धाश्रम में 30 महिलाओं व 30 पुरूषों अर्थात 60 लोगों के रहने की व्यवस्था है, तथा पूर्णतः निःशुल्क है। संस्था राजधानी के समस्त प्रबुद्धजनों से अपील करती है कि वे अपना जन्मदिन व सालगिरह तथा परिवार के बुजुर्गों की पुण्यतिथि वृद्धाश्रम में आकर मनाएं, जिससे की बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलने के साथ बुजुर्ग समाज से सीधे जुड़े रहे। वृद्धाश्रम के प्रभारी सुनील छत्तवानी, मनोज लक्षवानी, रवि आसवानी, सुनील पेशवानी, रवि केसवानी, राजू झामनानी हैं। प्रभारियों ने बताया कि वृद्धाश्रम में रहने वाले समस्त वरिष्ठ नागरिकों का मेडिकल परिक्षण, विशेषज्ञ चिकित्सकीय सलाह नियमित रूप से ली जाती है। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए खान-पान, कपड़ो की साफ-सफाई, साप्ताहिक चादर व तकिया कवर बदलने के साथ ही साथ साफ व स्वच्छ वातावरण निर्मित करने का प्रयास किया जाता हैं।
वृद्धाश्रम का उद्देश्य
एक प्राचीन कहावत है कि कलयुग में एक ऐसा समय आएगा जब एक कुएं के पानी से चार कुओं को भरा जा सकेगा, लेकिन उन्ही चार कुओं के पानी से उस एक कुएं को नहीं भरा जा सकेगा। अर्थात एक मां बाप चार बच्चों का पेट भर लेगें लेकिन चार बच्चे मिलकर अपने मां-बाप का पेट नहीं भर पाएंगे।
आजकल अवकाश ग्रहण के बाद ‘‘अकेलापन’’ कड़वी सच्चाई है। जीवन के कठिन संघर्ष के दौरान कार्य करने की अवधि 25 से 60 वर्ष तक होती है। वरिष्ठ नागरिक अपने जीवन में अकेलापन महसूस करते हैं, क्योंकि बच्चे भी अपने पालकों की तरह उसी दिनचर्या में व्यस्त हो जाते हैं। प्राचीन समय में, जब संयुक्त परिवार व बड़े परिवारों की परम्परा थी, उस समय वरिष्ठजन सम्माननीय हुआ करते थे। आज के वैज्ञानिक युग में एकाकी परिवार एक वास्तविकता हैं। कई बार कुछ समय तक बुजुर्गों के परिवार से दूर वृद्धाश्रम में रहने से परिवार को बुजुर्गों की कमी का अहसास होता है। साथ ही बुजुर्ग भी परिवार से तालमेल बैठाने में मानसिक रूप से तैयार हो जाता है। इस प्रकार कांउसलिंग के माध्यम से थोड़े प्रयासों से ही 12 वर्षों में 52 बुजुर्गों की घर वापसी हुई है। इस प्रकार संयुक्त समूह में रहने से बुजुर्गों की कई समस्याएं हल हो सकती हैं। उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ही बढ़ते कदम ने आनन्द आश्रम की स्थापना की है।
बढ़ते कदम अध्यक्ष धनेश मटलानी पूर्व अध्यक्ष सुनील नारवानी एवं उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मध्यानी ने बताया कि आनंद आश्रम के प्रथम चरण में प्रथम व द्वितीय तल पर चरणबद्ध रूप से संजीवनी वृद्धाश्रम को 12 सितबंर से स्थानांतरित किया जाएगा। भविष्य में क्रमश: उपर के तलों पर बाल आश्रम, मानसिक विकलांगों का आश्रम, छात्रावास आदि का निर्माण कराया जाएगा। जिससे कि एक ही भवन में बच्चें बूढ़े और जवान एक दूसरे का ख्याल रखते हुए आपस में पारिवारिक माहौल में प्रेमपूर्वक, आनंदपूर्वक रह सकें। इसलिए ही इस भवन का नामकरण आनंद आश्रम किया गया है। भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए भूतल को पूरी तरह से पार्किंग के लिए सुरक्षित रखा गया है।
वृद्धाश्रम में प्रवेश हेतु नियमावली
‘‘संजीवनी’’, बढ़ते कदम वृद्धाश्रम में प्रवेश के इच्छुक व्यक्ति को प्रवेश हेतु निम्नलिखित पात्रताओं एवं नियम शर्तों को पूरा करना आवश्यक होगा।
प्रवेशार्थी की आयुसीमा न्यूनतम 60 वर्ष होनी चाहिए। वह किसी प्रकार के व्यसन का आदि न हो। एवं उसका कभी भी कोई अपराधिक या पुलिस रिकार्ड न रहा हो। किसी गंभीर या संक्रामक रोग से ग्रसित न हो।
प्रवेशार्थी में किसी प्रकार की कोई शारीरिक या मानसिक विकलांगता न हो, अर्थात दैनिक कार्यों को करने में सक्षम हो। वृद्धाश्रम में प्रवेश हेतु परिवार के अन्य सदस्यों की लिखित अनुमति आवश्यक होगी। किसी भी प्रकार के दुराचरण, असंसदीय भाषा, असभ्य व्यवहार, दूसरों को मानसिक या शारीरिक कष्ट देने की अवस्था में या नियम षर्तों और आचार संहिता के परिपालन में दोशी पाए जाने पर मैनेजमेन्ट कमेटी को उसकी सदस्यता तुरन्त निरस्त करने का अधिकार होगा।
बढ़ते कदम वृद्धाश्रम की विषेषताएं
1. वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित।
2. शांतिप्रिय वातावरण में प्रकृति के साथ रहवास।
3. बरामदे व आंगन की सुविधा।
4. सुरक्षा व्यवस्था।
5. 24 घण्टे पानी की सुविधा।
6. गरम पानी की सुविधा।
7. प्रतिबद्ध योजना सेवा भाव के साथ आध्यात्म के लिए।
8. दो बहुउद्देशिय हाल- ध्यान योग केन्द्र, सम्मेलन कक्ष, अध्ययन कक्ष, मनोरंजन कक्ष आदि के रूप में उपयोग।
9. मंदिर की स्थापना।
10. नियमित स्वास्थ्य परिक्षण