कितनी हो काली रात,होके रहती प्रभात,
बुरा -भला वक्त एक दिन बीत जाता है ।
बीत जाता वर्तमान, बन जाता वो अतीत,
पतझड़ पात झड़, नया उग आता है ।।
काल बड़ा बलवान, जानता है ये जहान,
एक दिन हर प्राणी, काल में समाता है।
लेकिन जो नेक काम,करता है जीवन में,
वही इस जगती में, अमर हो पाता है।।
-: हरीश पटेल “हर”
ग्राम – तोरन, बेमेतरा