गंजबासौदा
गंजबासौदा के लाल पठार इलाके में कुएं में गिरे बालक को बचाने के लिए पहुंचे लोग भी हादसे का शिकार हो गए। 12 वर्षीय रवि का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा जबकि इस हादसे में करीब दो दर्जन लोगों के कुएं में गिरने की आशंका जताई जा रही है। शुक्रवार की शाम तक इस कुएं से 10 लाशें निकल चुकी थीं और तकरीबन 9 लोगों के अभी भी लापता होने की आशंका है। घटना की जानकारी लगने पर देर रात में ही एसपी, कलेक्टर मौके पर पहुंच गए। वहीं प्रभारी मंत्री ने भी मौके पर पहुंचकर राहत बचाव कार्यों की समीक्षा की। बताया गया कि इस रेस्क्यू में करीब 400 जवानों को लगाया गया है और ये रेस्क्यू पिछले करीब 24 घंटे से जारी है। कुएं के आसपास करीब 40 फीट जमीन को खोदकर इस कुंए को तालाब में बदल दिया है ताकि उसमें फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जा सके।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिस समय हादसा हुआ उस समय तत्काल मदद नहीं पहुंची। जिसके चलते हादसा बड़े हादसे में तब्दील हो गया। मृतकों के परिजनों का आक्रोश भी लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं जिन लोगों के अपने इस हादसे में गायब हो गए हैं उनका सुराग नहीं लगा है वे लगातार मौके पर रहकर उनकी सलामती की दुआ कर रह हैं। वहीं दूसरी तरफ घटना की जानकारी लगने के बाद आसपास के इलाकों के लोग भी मौके पर पहुंच रहे हैं। जिसके चलते कार्य में परेशानी आ रही है। घटना स्थल के एक किमी पहले बेरिकेट्स लगाकर रास्ते बंद कर दिए गए हैं। कुंआ धंसने की दुर्घटना में मृत हुए पार्थिव शरीर के दाह संस्कार अंतिम संस्कार के लिए पारासरी मुक्ति धाम पर अंतिम संस्कार मुक्तिधान सेवा समिति के माध्यम से निशुल्क किये जाने की व्यवस्था की गई है। समिति के संतोष शर्मा, स्वदेश शर्मा, लोकेश सक्सेना, रोहित भावसार, सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र सक्सेना सहित गुड्डा खत्री व विनोद बाबा व राकेश खत्री भी सेवा कार्य हेतु पाराशरी मुक्तिधाम पर मौजूद हैं, जिन्होंने दुखी परिवारों के दिवंगत परिजनों को ढाढस भी बंधाया है।
चप्पलों की संख्या से लगाया जा रहा अनुमान
खबर लिखे जाने तक कुल 10 लाशें निकाल पाएं हैं। यह हादसा इतना बड़ा है कि ना तो नागरिकों को पता है कि कितने लोग दबे हैं ना ही प्रशासन को पता है। यह केवल कुए के अंदर एवं कुएं के आसपास पड़े जूते चप्पल की संख्या के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब दो दर्जन लोग कुएं में दबे होंगे। उनके बचने की क्या संभावना होगी, यह तो भगवान ही मालिक है लेकिन यह बात सच्चाई है कि जिले का सबसे बड़ा हादसा अगर इसे कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। मुख्यमंत्री पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। आला अधिकारी मौके पर उपस्थित मुख्यमंत्री विदिशा में कंट्रोल रूम बना कर पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विदिशा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग रात को ही घटनास्थल पर उपस्थित हो गए थे। उनके साथ विधायक लीना जैन एवं भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. राकेश जादौन भी थे। प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को पांच पांच रुपए एवं घायलों को समूचे इलाज एवं 50-50 हजार देने की घोषणा की है।
सीएम रखे हैं नजर, कर रहे मॉनिटरिंग
गंजबासौदा के लाल पठार में कुंए पर हुए हादसे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नजर रखे हुए हैं। सीएम ने मृतकों के परिवारजनों के लिए पांच लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की है। बताया गया कि बचाव दल ने अब तक 20 लोगों की जान बचाई है। प्राथमिक उपचार के बाद 17 लोगों को उनके घर पहुंचाया गया है जबकि तीन घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। गंजबासौदा में अब भी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दो टीमें जिला और पुलिस प्रशासन के अमले के साथ राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं । आसपास की जमीन बार बार धंसक रही है। जिसके चलते बचाव कार्य में परेशानी आ रही है। मौके पर तीन पोकलेन और 2 जेसीबी मशीन लगातार कार्यरत है । कुएं की अत्यधिक जल राशि की निकासी के लिए चार पम्प भी लगाए गए हैं जो कुएं का पानी निकाल रहे हैं। मौके पर प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग, गोविंद सिंह राजपूत, विधायक लीना जैन, हरि सप्रे, कमिश्नर कवीन्द्र कियावत, एडीजीपी एसांई मनोहर, कलेक्टर पंकज जैन, एसपी विनायक वर्मा समेत कई थानों का बल व जिलेभर के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं।
राहत कार्य करते कुंआ फिर धस्का
रात्रि में बचाव कार्य करते समय प्रशासन द्वारा लोगों को बाहर निकालने के लिए जेसीबी मशीन से प्रयास किया जा रहा था तभी एक बार फिर कुंआ धसक गया। जिसमें फिर कई लोगों के गिरने की खबर आ रही है। कुएं में एक ट्रैक्टर, दो पम्प इंजन कुएं में गिर गए। बताया गया कि बचाव कार्य में विदिशा होम गार्ड के टीआई शशिधर पिल्ले भी कुएं में गिर गए थे जो घायल हुए थे।