बाजीराव पेशवा जयंती: CM शिवराजने दी श्रद्धांजलि, बाढ़ क्षेत्र में भेजी राहत सामग्री

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को बाजीराव पेशवा (प्रथम) की 321 जयंती के अवसर पर खरगोन जिले के रावेरखेड़ी पहुंचे और समाधि स्थल परिसर में पूजा कर माथा टेका। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसी सिलावट, कमल पटेल, उषा ठाकुर भी मौजूद रहे।  मुख्यमंत्री चौहान, केंद्रीय मंत्री सिंधिया और कैबिनेट मंत्रियों के साथ बाद में इसी परिसर में आयोजित व्याख्यान माला में शामिल हुए। व्याख्यान माला बाजीराव पर ही केंद्रित थी।

इस मौके पर पर्यटन और संस्कृति विभाग की ओर से इस स्थल को विकसित करने के फैसले पर सीएम चौहान ने सहमति दी। बाजीराव पेशवा के  समाधि स्थल रावेरखेड़ी को पर्यटन विभाग ने विकसित करने की रूपरेखा तय की है। मराठा शासन के सबसे वीर और साहसी अजेय सेनानायक बाजीराव पेशवा की समाधि स्थल को अब अजेय सेनानायक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। समाधि स्थल पर पेशवा बाजीराव की बड़ी मूर्ति समेत करीब 30 करोड़ की लागत के निर्माण प्रस्तावित हैं।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आशीर्वाद यात्रा में शामिल हुए और खरगोन के लोगों से संवाद किया। सिंधिया की आशीर्वाद यात्रा शाम को इंदौर पहुंचेगी। यात्रा का कल समापन है। सिंधिया यात्रा के दौरान 78 कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसके पहले उन्होंने इंदौर में ग्वालियर चंबल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पचास लाख की राहत सामग्री ट्रकों के जरिये रवाना की।
 
बालाघाट जिले में आयोजित इन्वेस्टर समिट को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बालाघाट जिला अपार संपदा से भरा पड़ा है। यहां उद्योग लगाने की अपार संभावनाएं हैं और हम इस संपदा का उपयोग करना चाहते हैं। अगर किसी को कोई शंका या सवाल पूछना हो तो वे उद्योग मंत्री राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव या प्रमुख सचिव (पीएस) से सवाल कर सकते हैं। इसके बाद भी कुछ जरूरत रहती है तो निवेशक उनसे मिल सकते हैं। भोपाल आ सकते हैं। सीएम ने कहा इन्वेस्टर समिट सिर्फ एक कर्मकांड नहीं है। यह बालाघाट के युवाओं को बेरोजगारी मुक्त रोजगार युक्त बनाने का साधन है। उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत शुल्क, विद्युत टैरिफ, निवेश प्रोत्साहन सहायता, भूमि आवंटन समेत अन्य तरह के सहयोग करेगी। साथ ही पीसीबी की शर्तों में भी पांच साल तक की राहत दी जाएगी। यहां चार हजार करोड़ के निवेश से सात से आठ हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा। चौहान ने कहा कि निवेशक फूड प्रोसेसिंग, खनिज आधारित और धान से संबंधित उद्योग यहां स्थापित कर सकते हैं।